New Delhi: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस पर निशाना साधा है।
अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि हिंदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा, 'अगर एक शेर अकेला रहता है तो जंगली कुत्ते हमला करके उसे हरा सकते हैं। हमें इसे नहीं भूलना चाहिए।' अब उनके इसी बयान पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।
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एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'आखिर कौन शेर है और कौन कुत्ता है? भारतीय संविधान सबको इंसान मानता है और किसी को शेर या कुत्ता नहीं कहता। आरएसएस के साथ दिक्कत यही है कि उन्हें संविधान में भरोसा नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, यह उनकी (आरएसएस) विचार पद्धति है जिसके तहत वे खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता समझते हैं। आरएसएस की पिछले 90 सालों से यही भाषाशैली रही है।
शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 11 सितंबर 1893 को दिए गए चर्चित भाषण के 125 साल पूरे होने पर विश्व हिंदू कांग्रेस का आयोजन किया गया है। विश्व हिंदू सम्मेलन में करीब 2,500 लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'हिंदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो हम (हिंदुओं) का विरोध करते हैं, इसलिए वे हमें नुकसान न पहुंचा पाएं, इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा।
वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया के अलावा वाइस प्रेजिडेंट वेंकैया नायडू भी हिस्सा लेंगे। साथ ही अभिनेता अनुपम खेर, आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, इंफोसिस के पूर्व डायरेक्टर टीवी मोहनदास पाई, बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा इस सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे।
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