New Delhi: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कैजुअल ड्रेस मे जाना एक इंजीनियर पर भारी पड़ गया। अदालत ने इंजीनियर जुर्मना लगाया है साथ ही सख्त टिप्पणी की है।
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दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान सिंचाई विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर गुलाबी शर्ट और जींस पहनकर पेश हुए थे। इस वजह के चलते कोर्ट ने इंजीनियर के ड्रेस कोड पर सख्त टिप्पणी करते हुए पांच हजार का जुर्माना लगाया। साथ ही उनके सर्विस रिकॉर्ड में एडवर्स एंट्री दर्ज करने का भी आदेश दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिंचाई विभाग वाराणसी के अधिशासी अभियंता विजय कुशवाहा को उनके विभाग के रिटायर कर्मचारियों की पेंशन आदि के भुगतान के मामले में बुलाया था। अधिशासी अभियंता विजय कुशवाहा जब गुलाबी शर्ट और जींस पहनकर कोर्ट में पहुंचे तो जजों ने उनके ड्रेस कोड को लेकर सवाल खड़ा किया।
कर्मचारियों के पेंशन आदि भुगतान मामलों की सुनवाई न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की पीठ कर रही है। जजों की इस पीठ ने इंजीनियर से पूछा कि क्या प्रथम श्रेणी के अफसर इस तरह के कपड़े पहनते हैं। क्या ये सरकार की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड है। हमे उम्मीद है कि एक सरकारी अधिकारी को यह तो पता ही होगा कि अदालत में हाजिर होते समय क्या ड्रेस पहननी चाहिए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिशासी अभियंता विजय कुशवाहा पर पांच हजार का जुर्माना लगाते हुए निर्देश दिया कि एक महीने में रकम जमा नहीं हुई तो इसकी वसूली भू-राजस्व की तरह की जाए। कोर्ट ने सिंचाई विभाग के सचिव को उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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