New Delhi : प्रेसिडेंट मेडल से सुसज्जित महाराष्ट्र पुलिस इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर इन दिनों जेल में हैं। उनके ऊपर साथी महिला पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी बिद्रे की निर्मम हत्या के बाद बॉडी के टुक-टुकड़े कर फेंकने का संगीन आरोप है।
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अश्विनी दो साल पहले नवी मुंबई से लापता हुई थी। उनकी जिंदगी और मौत किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं।
सीनियर से हुआ था शादीशुदा अश्विनी को प्यार :
कोल्हापुर की रहनेवाली अश्विनी बिद्रे की साल 2005 में राजू गोरे नाम के व्यक्ति से शादी हुई थी। अश्विनी का सपना एक पुलिस अफसर बनने का था। शादी के दो साल बाद उसने महाराष्ट्र PSC एग्जाम क्लियर किया। पहली पोस्टिंग बतौर सब-इंस्पेक्टर पुणे में मिली। तीन साल पुणे में बिताने के बाद अश्विनी को सांगली में ट्रांसफर किया गया।
वो अपने पति राजू गोरे और डेढ़ साली की बेटी के साथ वहां शिफ्ट हुई। यहीं उसकी मुलाकात सीनियर अफसर अभय कुरुंदकर से हुई। दोस्ती जल्दी ही प्यार में तब्दील हो गई। अश्विनी अभय के प्रति आकर्षित थी। दोनों में लगाव इतना बढ़ गया कि 2013 में जब उसे रत्नागिरी में पोस्टिंग मिली, तो अभय उससे मिलने 170 किमी ट्रैवल करके आने लगा। वो एक बेटी की मां थी और अभय दो बच्चों का पिता, फिर भी दोनों बेहद नजदीक आ चुके थे।
दूसरी शादी करने के लिए छोड़ दिया परिवार :
अश्विनी पूरी तरह अभय के प्यार में डूब चुकी थी। उसका पति भी इन नजदीकियों को जानता था। अक्टूबर 2014 में उसने अपने पति से अलग होने की बात कही। राजू गोरे ने एक इंटरव्यू में बताया था, "उसने मुझे अभय से शादी करने का बॉन्ड पेपर दिखाया था। उसने कहा था कि वो उससे शादी कर चुकी है और अब अलग रहना चाहती है। अलग होने के बाद वो 3-4 महीनों में अपनी बेटी से मिलने आ जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे वह भी बंद हो गया।" अश्विनी नवी मुंबई में एक किराए के फ्लैट में शिफ्ट हो गई थी। अभय का वहां हर दिन आना जाना था। फिर धीरे से वो भी उसके साथ लिव-इन में शिफ्ट हो गया। इस बात का प्रूफ पुलिस को अश्विनी के लैपटॉप से मिला था। पति से अलग होने के एक साल बाद 2015 में अश्विनी को असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन मिला।
फिर गायब हो गई अश्विनी :
11 अप्रैल 2016 को अश्विनी बिद्रे अपने घर से ड्यूटी के लिए तो जाती है, लेकिन लौटती नहीं। चार दिन बाद 15 अप्रैल को उसके भाई आनंद के फोन पर मैसेज जाते हैं कि अश्विनी किसी काम से 5-6 दिन के लिए यूपी गई है। एक महीने बाद नवी मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर्स से इंस्पेक्टर अश्वनी बिद्रे के पिता को फोन जाता है- आपकी बेटी ड्यूटी पर नहीं आ रही, क्या वो आपके घर कोल्हापुर आई है? यह सवाल उस पिता को झकझोर देता है। वो यही बात बेटे आनंद को बताते हैं।
चेन्नई में जॉब कर रहा आनंद लीव लेकर अपनी बहन को ढूंढने मुंबई लौटता है। एक साल की तलाश के बाद भी जब अश्विनी का पता नहीं चलता, तो वह जुलाई 2017 में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाता है। अश्विनी का एक्स-हसबैंड राजू गोरे पुलिस को पूछताछ के दौरान अभय कुरुंदकर से अवैध संबंधों के बारे में बताता है। वह शक जाहिर करता है कि अश्विनी अभय से शादी करना चाहती थी। इसीसे बचने के लिए उसने अश्विनी का मर्डर कर दिया है। पुलिस को अश्विनी के लैपटॉप से राजू गोरे के दावों का सबूत मिलता है। लैपटॉप से एक वीडियो क्लिप बरामद होती है, जिसमें कुरुंदकर अश्विनी के साथ मारपीट कर रहा है।
प्रेसिडेंट मेडल के बाद दर्ज होता है केस
26 जनवरी 2017 को अभय कुरुंदकर को प्रेसिडेंट मेडल से नवाजा गया था। इसके महज पांच दिन बाद 31 जनवरी 2017 को उसके खिलाफ किडनैपिंग का केस दर्ज होता है।10 महीने की इंवेस्टिगेशन के बाद अभय टूट जाता है और अपना गुनाह कबूल करता है।
फ्रीजर में काटकर रखी गई थी अश्विनी की बॉडी :
अश्विनी बिद्रे के गायब होने के 22 महीने बाद मुंबई पुलिस केस का खुलासा कर पायी थी। बीते 2 मार्च को इंस्पेक्टर ने अपना गुनाह कबूला। अभय कुरुंदकर ने पुलिस को बताया, "वो बार-बार शादी का दबाव बना रही थी। मैं अपनी बीवी और बच्चों को नहीं छोड़ सकता था। इसी वजह से मैंने उसे मार डाला।" अश्विनी के पति राजू गोरे ने एक इंटरव्यू में बताया, "11 अप्रैल 2016 को अभय कुरुंदकर ने कुल्हाड़ी की मदद से मेरी पत्नी को मारा। पुलिस ने मुझे बताया कि उसने बॉडी को तीन हिस्सों में बांटा था। एक बक्से में सिर और पैर रखे थे, जबकि धड़ को दूसरे बक्से में रखा था। कुछ बॉडी पार्ट्स उसने अपने फ्रीजर में ही बचाकर रखे थे। दोनों बक्सों को भयंदर की खाड़ी में फेंका गया।" कुरुंदकर ने अश्विनी बिद्रे की लाश को मुकुंद निवास, भयंदर स्थित अपने फ्लैट में रखा था।
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