New Delhi: भारत- पाकिस्तान सरहद पर पाकिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले बीएसएफ जवान अब अंगदान करके लोगों की रक्षा करेंगे।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, BSF के ढाई लाख फोर्स में से 70 हजार जवानों ने अंगदान करने की शपथ ली है। यह BSF के वह जवान हैं जो जीते जी 'जीवन पर्यंत कर्तव्य' का उद्घोष लेकर तो चलते ही हैं साथ ही शहीद होने के बाद भी अपने कर्तव्य का पालन करने में लगे हैं।
अंगदान करके यह बीएसएफ के जवान देश के उन लोगों की रक्षा करेंगे जिनकी मौत ऑर्गन ट्रांसप्लांट ना होने के चलते हो जाती है। बीएसएफ की रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक बीएसएफ ने नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) में अपने अंगदान करने के शपथ पत्र जमा करवाए हैं। उसके मुताबिक 2016 में 12,563 बीएसएफ जवानों ने अंगदान के शपथ पत्र जमा कराए थे तो 2017 में 33,236 जवानों ने अंगदान करने के शपथ पत्र जमा कराए थे, वहीं अब तक करीब 70 हजार जवान अंगदान करने के शपथ पत्र नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) में करवा चुके हैं।
बीएसएफ के जवान अपनी-अपनी बटालियन में अंगदान के लिए घोषणा पत्र लगातार भर रहे हैं। अलग- अलग राज्यों में बीएसएफ के जवान भी इस मुहिम में साथ निभा रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्य कर रहे नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर बीएसएफ इस मुहिम को आगे बढ़ा रहा है। बीएसएफ पहला ऐसा संगठन है जो पूरे देशभर में तैनात जवानों को ऑर्गन डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
अंगदान करने के इच्छुक बीएसएफ के जवान कहीं से भी ऑनलाइन अंगदान कर सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार की साइट नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। इसके साथ ही स्मार्टफोन पर इसका ऐप डाउनलोड कर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, या फिर किसी भी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग से फॉर्म प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन इन सबसे पहले परिवार की सहमति जरूरी है।
अंगदान कर दूसरों को जीवनदान देने वाले लोगों की संख्या पूरे देश में एक प्रतिशत भी नहीं है। कई लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है कि उन्हें समय पर अंग नहीं मिल पाते। इस बार सीमा सुरक्षा बल के जवानों को देशसेवा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया गया है। इसके तहत पूरे देशभर के जवानों को अंगदान करने प्रेरित किया जाएगा। बीएसएफ की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अंगदान करने आगे आएं ताकि देशभर में अंगदान के अभाव में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम किया जा सके।
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