New Delhi: नाबालिग से रेप का दोषी पाए जाने पर आसाराम को जोधपुर की एससी/एसटी अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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आसाराम की सहयोगी शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है। आसाराम इस मामले में करीब साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में हैं लेकिन अभी तक वो विचाराधीन कैदी था।
अब उम्रकैद की सजा के बाद आसाराम को जेल के कपड़े दिए गए हैं और साथ ही उसे कैदी नंबर भी मिल गया है। आसाराम को अब कैदी नंबर 130 आवंटित किया गया है जो आजीवन आसाराम की पहचान बनेगा। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि एक ही मामले में आज कोर्ट ने आसाराम को अलग-अलग धाराओं के तहत 2 बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। आसाराम को मिली ये सजा जोधपुर कोर्ट ने आसाराम उर्फ आसूमल पुत्र थेवरदास निवासी मुटेरा साबरमती अहमदाबाद, गुजरात को भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (4), 376 (2)F, 506 342, 376 डी, 120 बी और धारा 23 किशोन न्याय के अंतर्गत दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।
आसाराम को धारा 376 (2)F (नाबालिग से रेप) के अंतर्गत उम्रकैद की सजा (जिंदा रहने तक जेल में रहना होगा) और एक लाख जुर्माना। जुर्माना ना देने पर सजा एक साल बढ़ जाएगी। इसके अलावा धारा 376 D के अंतर्गत उम्रकैद की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। धारा 370 (4) के अंतर्गत दस साल के कारावास की सजा, एक लाख रुपए, जुर्माना ना देने पर एक साल सजा बढ़ेगी।
साथ ही धारा 342 के अंतर्गत एक साल जेल और एक हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना ना देने पर एक माह सजा बढ़ेगी। धारा 506 के अंर्तगत एक साल जेल की सजा, 1000 रुपए, जुर्माना ना देने पर एक माह सजा बढ़ेगी। वहीं धारा 23 किशोर न्याय के अंतर्गत छह माह की कैद की सजा आसाराम को हुई है।
उधर, आसाराम को दोषी करार दिये जाने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि आसाराम को सजा हुई, इसका उन्हें संतोष है, हमें इंसाफ मिला है। इस लड़ाई में हमारा साथ देने वाले सभी लोगों को हम धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि अब वो मर भी जाएं तो उन्हें दुख नहीं होगा।
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