New Delhi : केंद्र ने सुरक्षा को मजबूत करने और अतिरिक्त बलों को तैनात करने के लिए राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य को निर्देश दिया है।
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16 साल की नाबालिग से रेप के आरोप में करीब 5 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद आसाराम पर 25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। फैसला सुबह 11 बजे सुनाया जा सकता है। इसे लेकर शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक निचली अदालत इस सिलसिले में जोधपुर केंद्रीय कारागार परिसर में अपना फैसला सुनाएगी। कानून और व्यवस्था के लिए आसाराम के समर्थकों को खतरा मानते हुए पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। कारों, बसों को रोककर यात्रियों की तलाशी ली जा रही है और पहचान पत्र देखे जा रहे हैं। ट्रेन यात्रियों पर आरपीएफ की मदद से खास नजर रखी जा रही है। केंद्र ने सुरक्षा को मजबूत करने और अतिरिक्त बलों को तैनात करने के लिए राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य को निर्देश दिया है।
डीजीआई विक्रम सिंह ने बताया कि हमने इस फैसले के मद्देनजर सभी प्रबंध किए हैं। जेल परिसर में अदालत के कर्मचारियों सहित मजिस्ट्रेट, आसाराम और सह आरोपी, बचाव एवं अभियोजन पक्ष के वकील उपस्थित रहेंगे। डीसीपी (पूर्व) अमन दीप सिंह ने बताया कि शहर में 21 अप्रैल से धारा-144 लगाई है जो 30 अप्रैल तक जारी रहेगी।
सिंह ने बताया कि शहर में आसाराम के आश्रमों पर करीबी नजर रखी जा रही है। सभी होटलों और गेस्टहाउसों के साथ बसस्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। फैसला सुनाए जाने के दिन जेल को सील कर दिया जाएगा। किसी को भी जेल परिसर के नजदीक आने की इजाजत नहीं होगी।
वहीं बताया जा रहा है की आसाराम ने अपने भक्तों को फैसले से पहले एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने 25 अप्रैल को जोधपुर आकर अपना धन बर्बाद न करें, आप जहां हैं वहीं रहकर रिहाई की प्रार्थना करें और कानून का पालन करें। भक्तों का कहना है कि अब वो जोधपुर नहीं जाएंगे।
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