New Delhi : CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के ही दो जजों ने उन्हें चिट्ठी लिखकर फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने की मांग की है।
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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ सात दलों के सांसदों की ओर से महाभियोग की नोटिस देने के दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जजों जस्टिस रंजन गोगोई और मदन लोकुर ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शीर्ष कोर्ट के भविष्य और संस्थागत मुद्दों पर फुल कोर्ट में बहस की मांग की है।
CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के ही दो जजों ने उन्हें चिट्ठी लिखकर फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने की मांग की है। दो लाइनों की इस चिट्ठी के जरिये सीजेआई से फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने की मांग की गई है।कहा गया है कि संस्थानिक मुद्दों व अदालत के भविष्य पर विचार करने की जरूरत है, लेकिन चीफ जस्टिस ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है।
सूत्रों की माने तो सोमवार को चाय पर चर्चा के दौरान सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों ने फुल कोर्ट का मुद्दा उठाया, तब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा इस पर गंभीर नहीं दिखे।जब न्यापालिका से जुड़े सार्वजनिक महत्व के मुद्दे सामने आते हैं तब मुख्य न्यायाधीश की ओर से फुल कोर्ट बनाई जाती है।
बता दें कि 21 मार्च को वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस चेलमेश्वर ने सभी जजों को पत्र लिखकर कहा था कि जजों की नियुक्ति में सरकार की दखलंदाजी पर फुल कोर्ट में बहस हो। उन्होंने यह पत्र सरकार की ओर से कर्नाटक के एक जज के खिलाफ जांच कराने की मांग के बाद लिखा गया था, जिस जज को कोलेजियम ने हाई कोर्ट में तैनाती की सिफारिश दी थी। हालांकि चीफ जस्टिस ने इस पत्र का भी जबाव नहीं दिया था।
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