New Delhi: सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को आकस्मिक सेवाएं मुहैया कराने और उनके अंगों को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारत सरकार के साथ काम करने की इच्छुक है।
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केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कंपनी लोगों को हेलीकॉटर के माध्यम से आकस्मिक सेवाएं पहुंचाने की सुविधा शुरू करना चाहती है। साथ ही उसकी योजना दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों के अंगों को सहेजने की भी है ताकि उन्हें बाद में अंग प्रतिरोपण के लिए उपयोग में लाया जा सके।
गडकरी ने कहा कि देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यातायात प्रबंधन के लिए दक्षिण कोरिया से हाथ मिलाया है। इसके अलावा वह राजमार्गों के लिए एक प्रभावी गश्ती दल बनाने की योजना बना रही है।
गडकरी ने कहा कि टीसीएस एक प्रस्ताव लेकर आई है। उसमें वह अंग दान पहल से जुड़ने के लिए तैयार है। इसके अलावा वह दुर्घटना में घायलों को हेलीकॉप्टर सेवाएं मुहैया कराएगी। टीसीएस देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है।
गडकरी ने कहा कि सरकार जल्द ही एक पहल शुरु करने वाली है जिसमें दुर्घटना में घायल लोगों को तेजी से मदद पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाने की सुविधा शुरु की जानी है, साथ ही मृत्यु की स्थिति में अंग प्रतिरोपण के लिए अंगों की सुरक्षा करने वाले विशेषज्ञ अस्पतालों के साथ संपर्क स्थापित कर उन अंगों का प्रबंधन करना है।
उन्होंने कहा कि सरकार राजमार्गों के किनारे 750 सुविधा केंद्र बना रही है। इनमें रेस्तरां, वाशरुम व अन्य सुविधाओं के साथ हेलीपैड की भी सुविधा होगी ताकि गंभीर रुप से घायल लोगों और मृतकों के शवों को नजदीकी अस्पताल तक ले जाया सके।
इसके अलावा सरकार की कोशिश लोगों को दुर्घटनास्थल पर ही चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की है। उल्लेखनीय है कि भारत में हर साल पांच लाख दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।
बता दें कि आईटी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सोमवार को भारत की पहली 100 अरब डॉलर कंपनी बन गई है। सुबह करीब 11 बजे बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 101.60 अरब डॉलर (6,75,934.95 करोड़ रुपये) पहुंच गया। टीसीएस भारत की शेयर बाजार में लिस्टेड पहली आईटी कंपनी है जिसने यह रुतबा हासिल किया है। एक दशक पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) भी यह आंकड़ा छू चुकी है।
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