New Delhi: वैज्ञानिकों ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि इस साल मानसून से पहले गर्मी का भयंकर कहर देखने को मिलेगा और देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात उत्पन्न हो जाएगें।
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वैज्ञानिकों की यह भविष्यवाणी सच साबित हो रही है। गर्मियों की अभी शुरुआत ही हुई है, लेकिन राजस्थान की राजधानी जयपुर में पानी की बड़ी किल्लत अभी से शुरू हो गई है।
जयपुर में भूजल के कम स्तर वाले क्षेत्रों में गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की किल्लत बढ़ गई है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जयपुर के 'डार्क जोन्स' (वे क्षेत्र जहां भूजल का स्तर काफी नीचे है) में रहने वाले लोगों को पीने तक के लिए पानी नसीब नहीं हो रहा है। खो नागोरियान के रहने वाले एक स्थानीय निवासी के मुताबिक, क्षेत्र में रहने वाले 4000 से 5000 लोगों के लिए 2-3 दिन में सिर्फ 4000 लीटर पानी आता है। उन्होंने कहा, 'हम पूरी तरह से सरकार पर निर्भर हैं लेकिन जितना पानी सरकार देती है, उससे तो हमारे पीने की जरूरत भी पूरी नहीं हो पाती।'
आपको बता दें कि पिछले महीने जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने विभाग की नीति निर्धारण समिति की बैठक बुलाकर आगामी समय में पानी की मांग को पूरा करने के लिए विचार विमर्श किया था। इस दौरान कई क्षेत्रों के साथ खो नागोरियान इलाके लिए भी 75.93 करोड़ रुपए की जल प्रदाय परियोजना का अनुमोदन किया गया था लेकिन जमीनी स्तर पर आज भी लोग पानी की किल्लत से परेशान हैं।
इस पूरे मामले पर नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने जलापूर्ति में कमी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार डार्क जोन में हर दिन प्रति व्यक्ति के हिसाब से 40 लीटर पानी उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा, 'राजस्थान में पानी की समस्या है लेकिन जिन क्षेत्रों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है वहां लोगों की सुविधा को देखते हुए हम उन्हें टैंकरों से पानी उपलब्ध करा रहे हैं।'
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