...
New Delhi: कैब प्रवाइडर कंपनी ओला ने कहा है कि वह अपने ड्राइवर्स और कस्टमर्स के साथ उनके जाति, धर्म, लिंग या पंथ के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं। ओला ने यह जवाब एक यूजर द्वारा ड्राइवर के समुदाय विशेष के चलते कैब कैंसल किए जाने पर दिया।
Related Articles
दरअसल अभिषेक मिश्रा नामक एक यूजर ने कुछ दिन पहले ओला कैब को इसलिए कैंसल कर दिया था क्योंकि कैब का ड्राइवर एक समुदाय विशेष से था। इसके बाद अभिषेक ने कैंसल की गई कैब से जुड़ा स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डालते हुए लिखा था कि वह अपने पैसे 'जिहादियों' को नहीं देना चाहते। अभिषेक का ट्वीट वायरल होने के बाद ओला ने जवाब देते हुए लिखा, 'हमारे देश की तरह ओला भी एक सेक्युलर प्लैटफॉर्म है। हम अपने ड्राइवर्स और कस्टमर्स में जाति, धर्म, लिंग या पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। हम अपने सभी ग्राहकों और ड्राइवर्स से आग्रह करते हैं कि वे एक-दूसरे से सम्मान के साथ व्यवहार करें।'
आपको बता दें कि अभिषेक ने यह ट्वीट बेंगलुरु की रेशमी आर नायर की उस फेसबुक पोस्ट के जवाब में किया था, जिसमें रश्मि ने 'रुद्र हनुमान' के पोस्टर वाली कैब में ट्रैवल न करने की बात कही थी। रेशमी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, 'मैं रेप टेररेज़म को बढ़ावा देने के लिए और रेपिस्टों का पेट भरने के लिए अपना पैसा नहीं दूंगी।'
वहीं इस पूरे मामले पर अभिषेक ने कहा कि वह किसी को समुदाय विशेष के आधार पर नहीं बांटते लेकिन कैब प्रवाइडर्स कंपनी ने जितनी तेजी के साथ मेरे ट्वीट पर जवाब दिया, उतनी ही तेजी तब भी दिखानी चाहिए थी, जब सिर्फ एक पोस्टर की वजह से किसी को सीधे तौर पर बलात्कारियों से जोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ प्रतिक्रिया स्वरूप कैब कैंसल की थी और यह उनका संवैधानिक अधिकार है। आपको बता दें कि अभिषेक को ट्विटर पर कई केन्द्रीय तथा यूपी सरकार के मंत्री फॉलो करते हैं।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here