New Delhi: हमारे भारत में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां दूध का इस्तेमाल न किया जाता हो। दूध सेहत के लिए जितना लाभदायक है, उतना शायद कोई दूसरा पेय पदार्थ नहीं है।
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लेकिन एक ऐसा भी जानवर है, जिसका दूध किसी वरदान से कम नहीं है। खासकर कैंसर और शुगर के मरीजों के लिए ये दूध रामबाण है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं ऊंटनी के दूध की। वैसे तो ज्यादातर लोग ऊंटनी के दूध के फायदे जानते हैं, लेकिन फिर भी कई ऐसे तथ्य हैं जो लोगों को अब तक नहीं पता। ऊंटनी का दूध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को भी तेज करता है। वैज्ञानिकों के एक शोध से भी यह साफ हो चुका है कि ऊंटनी के दूध के सेवन से मंद बुद्धि बच्चों को फायदा मिलता है।
बीकानेर का राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ऊंटनी के दूध से बने कई प्रोडक्ट भी तैयार करता है। अगर आप रोजना एक कप ऊंटनी का दूध पीते हैं तो इसके फायदे किसी चमत्कार से कम नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक, ऊंटनी के दूध का नियमित सेवन करने वाले बच्चों का मस्तिष्क सामान्य बच्चों की तुलना में तेजी से विकसित होता है। उसकी सोचने-समझने की क्षमता भी सामान्य से बहुत तेज होती है। ऊंटनी का दूध बच्चों को कुपोषण से बचाता है।
इसके अलावा ऊंटनी के दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। ऊंटनी के दूध में पाया जाने वाला लेक्टोफेरिन नामक तत्व कैंसर से भी लड़ने में मददगार होता है। इसे पीने से खून से टॉक्सिन्स यानि खून की गंदगी भी दूर होती हैं और ये लिवर को साफ करता है। पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम पाने के लिए भी ऊंटनी के दूध का सेवन करते हैं।
ऊंटनी का दूध डायबिटीज रोगियों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। ऊंटनी के एक लीटर दूध में 52 यूनिट इंसुलिन पाई जाती है, जो कि अन्य पशुओं के दूध में पाई जाने वाली इंसुलिन से काफी अधिक है। इंसुलिन शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसका सेवन करने से सालों का मधुमेह महीनों में ठीक हो जाता है। इसके अलावा बीमारियों में राहत देने के अलावा ऊंटनी का दूध का सेवन स्किन में भी निखार लाता है। ऊंटनी के दूध में अल्फा हाइड्रोक्सिल अम्ल पाया जाता है।
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