New Delhi: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू कानूनी विशेषज्ञों के साथ मुलाकात की। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस समेत अन्य दलों की ओर से दिए गए महाभियोग नोटिस पर जल्द फैसला सुना सकते हैं।
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नायडू ने याचिका को स्वीकारने अथवा ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली। ऐसा माना जा रहा है कि नायडू जल्द ही विपक्षी दलों के इस नोटिस पर कोई फैसला करेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, नायडू ने इस मुद्दे को लेकर पूर्व लोकसभा सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पी के मल्होत्रा और पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह से बातचीत की।उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा सचिवालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सलाह मशविरा की और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन से भी बातचीत की।
बीते शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू से मुलाकात कर सीजेआई दीपक मिश्रा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपा।इस प्रस्ताव पर सात पार्टियों के 64 सांसदों के अलावा 7 पूर्व सांसदों (हाल ही में रिटायर हुए) के हस्ताक्षर थे।
दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी जनवरी महीने से ही की जा रही थी, जब सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर चीफ जस्टिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
12 जनवरी को चार न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन पर सही ढंग से कार्य नहीं करने का आरोप लगाया था। उन्होंने चीफ जस्टिस मिश्रा पर केसों के आवंटन को मनमाने तरीके से करने का आरोप लगाया था।
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