Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

आपके जीवन को सुख-समृधि से भर देंगे देवी लक्ष्मी के ये विशेष मंत्र, शुक्रवार के दिन ऐसे करें जाप

...

New Delhi: हिन्दू धर्म के अनुसार देवी लक्ष्मी जी को धन-धान्य, सुख-शांति आदि की देवी माना जाता है। लक्ष्मी जी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। शास्त्रों के अनुसार विष्णु जी ने जब- जब धरती पर अवतार लिया, तब- तब देवी लक्ष्मी भी अवतरित होकर उनकी लीलाओं में सहयोग करती हैं।

लक्ष्मी जी को कई नामों से जाना जाता है जिनमें विष्णुप्रिया, पद्मप्रिया आदि मुख्य हैं। माता लक्ष्मी को कई अन्य नामों से भी संबोधित किया जाता है। लक्ष्मी जी के कुछ नाम निम्न हैं:-

1 प्रकृति -  प्रकृति 
2 विकृति - दो रूपी प्रकृति
3 विद्या  - बुद्धिमत्ता
4 सर्वभूतहितप्रदा- ऐसा व्यक्ति जो संसार के सारे सुख दे सके 
5 श्रद्धा- जिसकी पूजा होती है 
6 विभूति-धन की देवी
7 सुरभि- सुगंधा
8 परमात्मिका- सर्वव्यापी देवी
9 वाची- अमृतमयी वाणी 
10 पद्मालया- जो कमल पर रहती हैं  
11 पद्मा- कमल
12 शुचि- पवित्रता की देवी
13 स्वाहा- शुभ
14 स्वधा- जो अशुभता को दूर करे 
15 सुधा - अमृत की देवी
16 धन्या-  
17 हिरण्मयी-जो स्वर्ण के समान है 
18 लक्ष्मी- धन और समृद्धि की देवी
19 नित्यपुष्ट-जिनसे नित्य शक्ति मिलती है 
20 विभा- जिनका चेहरा दीप्तिमान है 
21 अदिति- जिनकी चमक सूर्य की तरह है 
22 दीत्य-जो प्रार्थना का जवाब देती हैं   
23 दीप्ता- लौ की तरह जगमगाने वाली 
24 वसुधा-पृथ्वी की देवी
25 वसुधारिणी- पृथ्वी की रक्षक
26 कमला- कमलगंधा
27 कांता- भगवान विष्णु की पत्नी
28 कामाक्षी-आकर्षक आंखों वाली देवी
29 कमलसम्भवा- जो कमल में से उपस्थित होती है 
30 अनुग्रहप्रदा-जो शुभकामनाओं का आशीर्वाद देती है 
31 बुद्धि-बुद्धि की देवी
32 अनघा-निष्पाप या शुद्ध 
33 हरिवल्लभी-भगवान विष्णु की पत्नी
34 अशोका-दुःख को दूर करने वाली
35 अमृता- अमृत की देवी
36 दीपा- प्रकाशमयी
37 लोकशोकविनाशिनी-सांसारिक संकटों का नाश करने वाली 
38 धर्मनिलया-धर्मरक्षिणी 
39 करुणा - ममता की मूर्ति 
40 लोकमात्रिका-जन-जन की देवी  
41 पद्मप्रिया-जिन्हें कमल प्रिय है
42 पद्महस्ता-जिनके हाथ में कमल हैं, और जिनके हाथ कमल की तरह हैं 
43 पद्माक्ष्य -जिनकी आंखें कमल के समान है 
44 पद्मसुन्दरी- कमल के समान सुंदर
45 पद्मोद्भवा- कमल से उत्पन्न होने वाली देवी 
46 पद्ममुखी- कमल के सदृश मुख वाली 
47 पद्मनाभप्रिया-पद्मनाभ(भगवान विष्णु) की प्रेमिका 
48 रमा- भगवान विष्णु के साथ रमण करने वाली 
49 पद्ममालाधरा- कमल की माला पहनने वाली

50 देवी- देवी
51 पद्मिनी- कमल की तरह
52 पद्मसुगन्धिनी- कमल की तरह सुगंध वाली 
53 पुण्यगन्धा-दिव्य सुगंधित देवी
54 सुप्रसन्ना- अनुकंपा करने वाली, सदा प्रसन्न चित्त रहने वाली 
55 प्रसादाभिमुखी- वरदान और इच्छाओं को अनुदान देने वाली
56 प्रभा- देवी  जिनका आभामंडल दिव्य और चमकदार हो 
57 चंद्रवंदना - जिनकी दीप्ति चंद्र के समान हो 
58 चंदा- चन्द्र की तरह शांत 
59 चन्द्रसहोदरी- चंद्रमा की बहन
60 चतुर्भुजा- चार भुजाओं वाली  
61 चन्द्ररूपा-चंद्रमा के समान रूप वाली 
62 इंदिरा- सूर्य की तरह चमक वाली 
63 इन्दुशीतला-चांद की तरह शीतल 
64 अह्लादजननी- प्रसन्नता देने वाली 
65 पुष्टि- स्वास्थ्य की देवी
66 शिवा-शुभ देवी
67 शिवाकारी-शुभ का अवतार
68 सत्या-सच्चाई
69 विमला- शुद्ध
70 विश्वजननी- समस्त ब्रह्माण्ड की देवी 
71 तुष्टी- तुरंत प्रसन्न होने वाली   
72 दारिद्र्यनाशिनी - दरिद्रता दूर करने वाली 
73 प्रीता पुष्करिणी -  देवी जिनकी आंखें सुखदायक हैं 
74 शांता- शांतिपूर्ण देवी
75 शुक्लांबरा-श्वेत वस्त्र धारण करने वाली 
76 भास्करी - सूर्य के समान तेजस्वी 
77 बिल्वनिलया- बिल्व वृक्ष में निवास करने वाली 
78 वरारोहा - हर वरदान पूर्ण करने वाली 
79 यशस्विनी-यश, सुख, प्रसिद्धि और भाग्य की देवी
80 वसुंधरा-धरती माता की बेटी
81 उदरंगा- जिनकी देह सुंदर है 
82 हरिनी- जो हिरण की तरह चंचला है 
83 हेमामालिनी-स्वर्ण का हार धारण करने वाली 
84 धनधान्यकी- स्वास्थ्य प्रदान करने वाली 
85 सिद्धि- रक्षक
86 सौम्या : कोमल और आकर्षक  
87 शुभप्रभा-जो शुभता प्रदान करे 
88 नृपवेशवगाथानंदा- जो महलों में रहती है 
89 वरलक्ष्मी- समृद्धि की दाता 
90 वसुप्रदा-धन को प्रदान करने वाली
91 शुभा- शुभ देवी
92 हिरण्यप्रका - स्वर्ण प्रिया 
93 समुद्रतनया - समुद्र की बेटी
94 जया -विजय की देवी
95 मंगला-मंगल करने वाली 
96 देवी -  देवता या देवी
97 विष्णुवक्षा- भगवान विष्णु के सान्निध्य में रहने वाली, उनके ह्रदय में निवास करने वाली   
98 विष्णुपत्नी-भगवान विष्णु की पत्नी
99 प्रसन्नाक्षी -  खूबसूरत आंखों वाली 
100 नारायण समाश्रिता- नारायण के साथ रहने वाली 
101 दारिद्र्य ध्वंसिनी- गरीबी समाप्त करने वाली
102 लक्ष्मी - देवी
103 सर्वोपद्रवनिवारिणी -- हर उपद्रव और संकट का निवारण करने वाली 
104 नवदुर्गा-नौ दुर्गा के सभी रूप 
105 महाकाली- काली देवी
106 ब्रह्मा-विष्णु-शिवात्मिका- ब्रह्मा, विष्णु, शिव की आराध्या 
107 त्रिकालज्ञानसम्पन्ना- जिन्हें तीनों कालों की जानकारी हो 
108 भुवनेश्वरी- अखिल भुवन यानी ब्रह्मांड की स्वामिनी

लक्ष्मी जी के मंत्र 

मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें रक्तचन्दन समर्पण करना चाहिए-

रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |

मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए-

क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि |

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को अक्षत समर्पण करना चाहिए-

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः |
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ||
ॐ महलक्ष्म्यै नमः | अक्षतान समर्पयामि ||

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण करना चाहिए-

माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि |
ॐ महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पमालां समर्पयामि ||

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करना चाहिए-

रत्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च |
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः || ॐ
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् |
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां न

इस मंत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को वस्त्र समर्पण करना चाहिए-

दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् | दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ||
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह | प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ||

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को स्नान हेतु घी अर्पित करना चाहिए-

ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा |
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा || ॐ महालक्ष्म्यै नमः घृतस्नानं समर्पयामि |

मां लक्ष्मी की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें जल समर्पण करना चाहिए-

मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः | स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि |

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आसन समर्पण करना चाहिए-

तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम् | अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् | श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ||

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए-

सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम |
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ||
ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् | यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ||

Share the post

आपके जीवन को सुख-समृधि से भर देंगे देवी लक्ष्मी के ये विशेष मंत्र, शुक्रवार के दिन ऐसे करें जाप

×

Subscribe to विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×