NEW DELHI: दुनिया में हर एक इंसान अपने भविष्य जानना चाहता है।लेकिन हम किसी भी तरह से अपना भविष्य नहीं जान सकते। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमें थोड़ा इस बात का अंदाजा जरुर लग सकता है कि आने वाला समय हमारे लिए कैसा होगा।
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ज्योतिष के अनुसार आने वाला समय तीन राशियों के लिए बहुत अच्छा होने वाला है। राहु-केतु ग्रहों को छाया ग्रह के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष की दुनिया में इन दोनों ही ग्रहों को पापी ग्रह भी बोला जाता है। इन दोनों ग्रहों का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता, इसीलिए ये जिस ग्रह के साथ बैठते हैं उसी के अनुसार अपना प्रभाव देने लगते हैं।
कुछ ही मौके ऐसे होते हैं जब कुंडली में इनका प्रभाव शुभ प्राप्त होता है। राहु और केतु अगर जातक की कुंडली में दशा-महादशा में हों तो यह व्यक्ति को काफी परेशान करने का कार्य करते हैं। यदि कुंडली में उनकी स्थिति ठीक हो तो जातक को अप्रत्याशित लाभ मिलता है और यदि ठीक न हो तो प्रतिकूल प्रभाव भी उतना ही तीव्र होता है।
राहु-केतु के संबंध में पुराणों में कथा आती है कि दैत्यों और देवताओं के संयुक्त प्रयास से हुए सागर मंथन से निकले अमृत के वितरण के समय एक दैत्य अपना स्वरूप बदलकर देवताओं की पंक्ति में बैठ गया और उसने अमृत पान कर लिया। उसकी यह चालाकी जब सूर्य और चंद्र देव को पता चली तो वे बोल उठे कि यह दैत्य है और तब भगवान विष्णु ने चक्र से दैत्य का मस्तक काट दिया। अमृत पान कर लेने के कारण उस दैत्य के शरीर के दोनों खंड जीवित रहे और ऊपरी भाग सिर राहु तथा नीचे का भाग धड़ केतु के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
राहू केतू ऐसे ग्रह हैं जिनके नाम मात्र से ही व्यक्ति कांप जाता है इसके प्रभाव से अच्छे अच्छे व्यक्ति का भाग्य पलट जाता है। इन ग्रहों के छाये मात्र से भी जिंदगी तबाह हो जाती है जरा सोचिए अगर ये राहू केतु आपपर मेहरबान हो जाए और आपको धनवान बना दें तो। दरअसल आज हम उन्हीं दो ग्रहों के बारे में आपको कुछ खास बताने जा रहे हैं जी हां बता दें कि 600 साल बाद राहु केतु हुए खुश इन 4 राशियों पर बरसेगा धन।
इनका ये परिवर्तन किसी राशि के लिए लाभप्रद हो सकता है तो किसी के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है
मेष- सौभाग्य की प्राप्ति, कर्मक्षेत्र में तरक्की और लाभ के चांस।
वृष- दुर्घटना होने के योग, शारीरिक नुकसान और दांपत्य संबंधों में निरसता।
मिथुन- दांपत्य में कलेश, वजन का बढ़ना और पार्टनरशिप का टूटना।
कर्क- शत्रुओं का दमन, हैल्थ संबंधित विकार, कानूनी दांव-पेच में फंसना।
सिंह- प्रेम में सफलता, संतान प्राप्ति के योग और पढ़ाई में सफलता।
कन्या- पारिवारिक क्लेश, माता के स्वास्थ्य में गिरावट और नया मकान बनने के योग।
तुला- भाइयों में संबंध विच्छेद, पराक्रम में वृद्धि और स्फूर्ति का आना।
वृश्चिक- धन का फंसना, सुखों में वृद्धि सांसारिक संबंधों में नीरसता।
धनु- असमंजस की स्थिती में रहना, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य में गिरावट।
मकर- अत्यधिक व्यय, अनैतिक संबंध बनाना और रोगों पर अत्यधिक खर्चा होना।
कुंभ- छप्पर-फाड़ लाभ, बिजनैस में सफलता, कुटुंब से धन और संपत्ति की प्राप्ति।
मीन- पिता की सेहत में गिरावट, पैतृक संपत्ति में रूकावट या विवाद और कारोबार में उठल-पुथल।
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