New Delhi: कहते हैं यदि इंसान कुछ करने की ठान ले तो, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
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रास्ते में लाख मुश्किलें आने के बाद भी उस इंसान का हौसला नहीं तोड़ पाती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है यूपी के बदीउज्जमा सिद्दीकी ने। पांच वक्त की नमाज पढ़ने वाला ये मुस्लिम वैसे तो पेशे से वकील है, लेकिन रोज गीता और रामायण का पाठ भी करते हैं। जब बिरादरी के लोगों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने खूब हंगामा भी किया, लेकिन बदीउज्जमा अपने फैसले से नहीं हटे। धर्म के ठेकेदारों ने इसे समाज और धर्मद्रोह तक की संज्ञा दे डाली थी।
पेशे से वकील बदीउज्जमा सांप्रदायिकता की दकियानूसी सोच को मात देकर आज पांचों वक्त के नमाजी होने के साथ ही अपने घर बैरागल गांव में गीता और रामायण का पाठ भी करते हैं। बस्ती कचहरी में स्थित उनके चेंबर के टेबल पर भी गीता देखी जा सकती है। गीता के 18 अध्याय और 700 श्लोक कंठस्थ होने के कारण उनकी गिनती हिंदू धर्म के अच्छे विद्वानों में होने लगी है। यहां तक कि वह अपने क्लाइंट्स को भी गीता का उपदेश देने से नहीं चूकते हैं। बदीउज्जमा बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें हिंदू धर्म ग्रंथो में आस्था रही है, इसलिए संस्कृत में पढ़ाई करके साहित्याचार्य की उपाधी भी हासिल की।
बदीउज्जमा के मुताबिक संस्कृत और हिंदू धार्मिक ग्रंथों में लगाव को देखते हुए उनका समाज के लोगों के बीच लगातार विरोध हुआ लेकिन समय-समय पर अपने तर्कों से सबकी जुबान बंद कर दी। 65 साल के बदीउज्जमा बतातें हैं कि गीता, श्रारामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का पाठ करते हुए पिछले 40 साल बीत गए हैं और चुनौती के साथ कह सकता हूं कि इलाके में कोई पंडित शास्त्रार्थ कर उनका मुकाबला नहीं कर सकता है।
अधिवक्ता हनुमान प्रसाद ने दावा करते हुए कहा कि बदीउज्जमा के घर पर हिंदू धर्मग्रंथों की पूरी लाइब्रेरी है। बदीउज्जमा अपने वकील साथियों को भी अकसर गीता और रामायण का उपदेश देकर उनकी समस्याओं का समाधन करते रहते हैं।
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