New Delhi: पापा कहीं मत जाना, मेरा दम घुट रहा है... इतना कहने के बाद 3 साल की वंशिका ने अपने पिता की आंखों के सामने दम तोड़ दिया। हरियाणा के सोनीपत का यह मामला इस हफ्ते सुर्खियों में आया।
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अब इस मामले में एक और नई जानकारी सामने आई है। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी जगदीश से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि न तो उसके पास कोई डिग्री है और न ही वो फार्मासिस्ट है, लेकिन फिर भी उसने बच्ची को इंजेक्शन लगा दिया। यही इंजेक्शन मासूम वंशिका की मौत का कारण बना।
बता दें कि सोनीपत के पटेल नगर की रहने वाली तीन साल की बच्ची की मेडिकल स्टोर संचालक के इंजेक्शन लगाने के बाद मौत हो गई। उसके बाद मृतका के घर में चीख पुकार मची है। पिता पवन बेसुध हैं, होश आते ही रोने लगते, कहते हैं मरने से पहले वंशिका के साथ बिताएं पलों को याद करता हूं, तो कलेजा फट जाता है। वंशिका सांसें खींच रही थी, आंखें निढाल थीं, वह उठाकर डॉक्टर के पास जाने लगे तो बोली- कहीं मत जाओ, मेरे पास बैठे रहो।
पुलिस के मुताबिक, जगदीश के पास कोई डिग्री नहीं है और न ही वह फार्मासिस्ट है। वह तो मेडिकल स्टोर पर महज हेल्पर है और उसने बच्ची को जेंटामाइसिन का डोज दिया था। पुलिस ने इंजेक्शन को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने आरोपी जगदीश को रविवार को कोर्ट में पेश किया था जहां से उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पिता पवन के मुताबिक, बेटी वंशिका (3) का सोमवार को जन्मदिन था। मंगलवार सुबह अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह अपनी बेटी को मंगलवार शाम आईटीआई के पास राठधना रोड स्थित देव मेडिकल स्टोर पर दवाई दिलाने के लिए ले गया। वहां पर मेडिकल स्टोर संचालक जगदीश ने उसकी बेटी को दवाई देने के साथ ही इंजेक्शन लगा दिया। साथ ही कहा कि इसे घर ले जाओ आराम हो जाएगा।
पवन ने बताया कि घर जाने के करीब एक घंटे बाद उसकी बच्ची की हालत और बिगड़ गई। वह उसे लेकर मॉडल टाउन स्थित बच्चों के अस्पताल में पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। पवन ने आरोप लगाया कि मेडिकल स्टोर संचालक के गलत इंजेक्शन लगाया, जिससे उसकी बेटी की मौत हो गई है। पुलिस ने पवन के बयान पर मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया है।
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