New Delhi: पिछले साल के अंत में निवेशकों के लिए बिटकॉइन सोने का अंडा देने वाली मुर्गी से कम नहीं था। बिटकॉइन ने उन लोगों को बड़ा फायदा पहुंचाया जिन्होंने औने-पौने दामों पर बिटकाइन खरीदा था।
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लेकिन कैलेंडर में साल बदलते ही बिटकॉइन के बुरे दिन शुरू हो गए। जनवरी खत्म होने के बाद फरवरी के शुरुआत हफ्ते में बिटकाइन 6000 डॉलर (लगभग 3.85 लाख) रुपए गिर गया है।
मंगलवार के कारोबार में बिटकॉइन टूटकर 5,921 डॉलर आ गया। करीब एक महीने पहले इसका स्तर 17,150 डॉलर का था। यह करीब 65 फीसद की गिरावट है। लक्जमबर्ग आधारित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिटस्टैंप के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है। बिटकॉइन की कीमतों में बीते एक महीने से गिरावट देखने को मिल रही है जिसकी मुख्य वजह नियामकीय कार्यवाही को माना जा रहा है। 1 फरवरी 2018 को पेश किए गए आम बजट में भी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन को लीगल टेंडर नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा था कि सरकार इस पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रह है। इसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इसकी कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है।
आयकर विभाग ने उन लाखों लोगों को नोटिस जारी किए हैं जिन्होंने अपना पैसा बिटकॉइन में लगा रखा है और वह इसमें किए गए निवेश से होने वाली कमाई पर कर वसूलने की तैयारी कर रहा है। यह बात सीबीडीटी प्रमुख ने कही है। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बताया कि यह बात कर अधिकारियों की जानकारी में आई है कि कई ऐसे निवेशकों ने अपने लाभों पर "अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया" जबकि कुछ ने इन निवेशों के बारे में अपने पूर्व रिटर्न में कोई जानकारी देना उचित नहीं समझा।
आयकर विभाग ने पिछले साल दिसंबर में बिटकॉइन से जुड़े एक्सचेंजों में अखिल भारतीय सर्वेक्षण किए थे। उन्होंने कहा, “हमने नोटिस (निवेशकों को) जारी किए हैं और वो कर भुगतान करने को राजी हो गए हैं। हम निश्चित तौर पर कर वसूली करेंगे, जहां तक कि उन पैसों का सवाल है जिसका निवेश किया गया लेकिन उसका कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया।”
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