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New Delhi: हिंदू धर्म में रावण को शुभ नहीं माना जाता है, उसे एक राक्षस की तरह दिखाया जाता है क्योंकि मान्यता है कि उसने माता सीता का अपहरण कर लिया था और उन्हें लंका ले गए थे, जिस कारण भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। ये बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन रावण से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं।
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आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाज्ञानी रावण के कुछ ऐसे सपनों के बारे में जिन्हें वो पूरा नहीं कर पाया। उसके ये सपने प्रकृति के विरूद्ध थे और यदि ये पूरे हो जाते तो अधर्म बढ़ जाता और राक्षस प्रवृत्तियां अनियंत्रित हो जातीं। तो आइए जानते हैं रावण के उन अधूरे सपनों के बारे में…
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काले रंग को गोरा करना
रावण खुद काला था इसलिए वो चाहता था कि मानव प्रजाति में जितने भी लोगों का रंग काला है वे गोरे हो जाएं, ताकि कोई भी महिला उनका अपमान न कर सके।
बाली को हराने का सपना
रावण ने कई युद्ध जीते लेकिन कई बार हारा भी था। बाली ने रावण को पराजित किया था और वह उसे अपने बाजू में दबाकर समुद्रों की परिक्रमा भी किया करता था। रावण दुर्भाग्य ने यही उसकी पीछा नहीं छोड़ा। पराजय के बाद उसे बच्चों ने पकड़कर अस्तबल में घोड़ों के साथ बांध भी दिया था। बाली को जीतने का सपना अधूरा ही रह गया।
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सोने को खुशबुदार बनाना
रावण चाहता था कि सोने में सुगंध होनी चाहिए। रावण दुनियाभर के सोने पर खुद कब्जा जमाना चाहता था। सोना खोजने में कोई परेशानी नहीं हो इसलिए वो उसमें सुगंध डालना चाहता था।
खून का रंग बदलना चाहता था रावण
रावण की एक इच्छा खून का रंग बदलने की थी। वह चाहता था कि खून का रंग लाल की बजाय सफेद हो जाए। उसने युद्ध में अनेक निर्दोष लोगों का खून बहाया था। इससे धरती खून से लाल हो गई थी। वह चाहता था कि खून सफेद हो जाए ताकी वह पानी के साथ मिलकर उसके अत्याचारों को छुपा दे।
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स्वर्ग की सीढ़ी बनाना
रावण पूरी प्रकृति पर कब्जा जमाना चाहता था। उसकी एक इच्छा स्वर्ग तक सीढ़ियां लगाने की थी। इसके पीछे उसके खोटे इरादे थे। वह चाहता था कि लोग भगवान को पूजने और अच्छे करने के बजाय उसकी अराधना शुरू करें, ताकि उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हो सके।
शराब से दुर्गंध दूर करना
रावण मदिरा प्रेमी था। उसका सपना था कि वह मदिरा की दुर्गंध मिटा दें। वह उस जमाने के विज्ञान और तकनीक का जानकार था, लेकिन उसका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाया।
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समुद्र के पानी को मीठा बनाना
रावण समुद्रों का पानी मीठा करना चाहता था। इसके अलावा उसका सपना था कि लोग दुनिया से भगवान की अराधना बंद कर दें और सिर्फ उसी की पूजा करें। इन्हीं दुर्गुणों की वजह से रावण का भयानक अंत हुआ।
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