New Delhi: भारत और इजराइल की दोस्ती इस वक्त नया मुकाम छू रही है।
कश्मीर के मुद्दे पर भले ही दुनिया के बाकी देश अपना मुंह बंद कर चुपचाप छुपकर बैठ जाते हों, लेकिन इजरायल इकलौता ऐसा देश है जिसने हमेशा से भारत का कश्मीर मुद्दे पर साथ दिया है। इजरायल तो यहां तक कह चुका है कि कश्मीर के मुद्दे पर वो कभी भी पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा।
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दरअसल, पीएम मोदी पिछले साल जब इजरायल गए थे तब उन्होंने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी। इस दौरे के वक्त दोनों देशों ने आतंकवाद के मुद्दे पर बात की। उसी वक्त इजरायल ने ऐलान किया था कि आतंक के खिलाफ जंग में वो भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। इजरायल ने कहा था कि पाकिस्तान का कश्मीर पर कोई हक नहीं है। यहां तक कि पीओके पर भी पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। इजरायल ने कहा था कि वो किसी भी परिस्थिति में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा।
आपको बता दें कि 1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में भारत ने इजरायल के साथ अपने पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे। तब से ही इजरायल का यह पक्ष रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
हालांकि भारत पश्चिम एशिया मामलों के एक्सपर्ट राजेंद्र अभ्यांकर के मुताबिक 2003 में पाकिस्तान के प्रति इजरायल की नीति में थोड़ा बदलाव आया था और उसने पाक को मुस्लिम जगत के एक महत्वपूर्ण देश के तौर पर देखना शुरू किया था।
2003 में भारत आए इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने दिल्ली में जारी बयान में कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं कही थी। यही नहीं हाल ही में जब देश के पहले पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी इजरायल पहुंचे तो वहां भी साझा बयान के दौरान जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर कोई बयान नहीं जारी किया गया। पीएम मोदी का दौरा समाप्त होने के बाद इजरायली अथॉरिटी ने कश्मीर मुद्दे पर पहली बार बयान जारी किया था और कश्मीर को हमेशा से भारत का हिस्सा बताया था। इजरायली अधिकारियों के मुताबिक किसी भी स्थिति में पाकिस्तान को समर्थन करने का सवाल ही नहीं है, भले ही जम्मू-कश्मीर में कैसी भी परिस्थिति हो।
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