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1962 जैसा नहीं है भारत,भारतीय सेना के पास हैं ऐसे 'ब्रह्मास्‍त्र',जिससे हिल जाएगी पूरी दुनिया

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New Delhi: 1962 के युद्ध में चीन से भारत भले ही हार गया हो, लेकिन आज इंडियन आर्मी की ताकत इतनी ज्‍यादा है कि इसका अंदाजा चीन को जरूर होगा। चलिए बताते हैं भारतीय सेना के ऐसे ब्रह्मास्‍त्र के बारे में जो पूरी दुनिया को हिलाने की ताकत रखते हैं।

Su-30Mki-लड़ाकू विमानः अब तक का सबसे शानदार एयरक्राफ्ट जिसे वायुसेना की क्रीम भी कहा जाता है। रूस की मदद से बना ये फाइटर जेट किसी भी मौसम में मार करने की क्षमता रखता है। आज की तारीख में एयरफोर्स के पास 200 से ज्यादा सुखोई -30 विमान हैं जो 2100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसमें 30 एमएम की गन के साथ हवा से हवा, हवा से जमीन और एंटीशिप मिसाइलें लगी हुई हैं। इसके अलवा इसमें 6 तरह के बम फिट किए जा सकते हैं।

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अर्जुन मार्क-II टैंकः ये भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे बेहद खतरनाक माना जाता है। ये अर्जुन टैंक का अत्याधुनिक थर्ड जेनेरेशन टैंक है जिसमें कई सुधार किए गए हैं। ये टैंक किसी भी परिस्थिति में शानदार मार कर सकता है। ये पलक झपकते ही अपने शिकार को निशाना बना लेता है। इसके ऊपर रिमोट संचालित मशीन गन लगी होती हैं। सेना में इसे दीवार कहा जाता है, जिसे तोड़ना दुश्मनों के बस में नहीं।


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INS विक्रमादित्यः अपनी खूबियों के चलते इसे तैरता एयरफील्ड और मिनी शहर भी कहा जाता है। INS विक्रमादित्य को समंदर का राजा कहा जाता है। नेवी के लिए ये गेम चेंजर की तरह है ये 45 हजार टन से ज्यादा वजन लेकर चलने में सक्षम है। इसकी लंबाई 283।5 मीटर है और 22 डेक हैं। आईएनएस विक्रमादित्य की रफ्तार लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटे है जिस पर 36 एयरक्राफ्ट रखे जा सकते हैं।


क्रूज मिसाइल - जिसे गेम फिनिशर भी कहा जाता है। इसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है जिसे पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है। ऑपरेशन के मामले में इसे दुनिया का सबसे तेज क्रूज मिसाइल माना जाता है। 300 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम ये मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

INS चक्रः इसे स्टील से बनी शार्क भी कहा जाता है। ये पनडुब्बी पानी के अंदर जब तक चाहे रह सकती है। भारत ने नेवी को ट्रेंड करने के लिए इसे दस साल के लिए रूस से लीज पर लिया है। ये परंपरागत हथियार, चार 533 एमएम और चार 650 एमएम टोरपेडो ट्यूब्स ले जाने में सक्षम है, जो दुश्मन के शिप को उड़ाने में काम आते हैं। इसे सबसे तेज परमाणु पनडुब्बी माना जाता है।

अग्नि-5: इसे किलर मिसाइल भी कहा जाता है। अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 8 हजार किलोमीटर तक है और ये एक हजार किलो तक का परमाणु हथियार ले जाने की भी ताकत रखती है।


INS विक्रांत: ये देश में बना पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है। ये 262 मीटर लंबा, 60 मीटर चौड़ा और 40 हजार मीट्रिक टन वजन ढोने में सक्षम है, इसका डिजाइन ऐसा बनाया गया है ताकि MiG-29K को यहां से ऑपरेट किया जा सके। एक बार में आईएनएस विक्रांत 30 एयरक्राफ्ट ले जाने में सक्षम है।

बराक 8: एंटी मिसाइल बराक 8 सेना के लिए रक्षा कवच की तरह है। ये लंबी दूरी का एंटी एयर और एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। इसे इजराइल के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

ग्लाइड बम: वो बम जो वायुसेना के लिए अचूक अस्त्र होगा। इसके जरिए निशाना तय कर बम गिरा सकेंगे। ये बम लड़ाकू विमान की मार को और सटीक करेगा। इसके अगले साल के अंत तक बनाने की तैयारी है।

P-81 नेप्चून: भारतीय नौसेना की आंख है नेप्यून। आठ नेप्चून विमान ससंदर की हर हलचल पर नजर रखते हैं, और जरूरत पड़ने पर किसी भी पनडुब्बी तक को बर्बाद कर सकते हैं।

NAMICA (नाग मिसाइल करियर):

ये टैंकरोधी सिस्टम है। नमिका एक साथ 8 नाग मिसाइलों को छोड़ सकती है। इसमें सेंसर लगे होते हैं। ये एक बार निशाना तय हो जाने के बाद टार्गेट को तबाह करके ही छोड़ती हैं। ये मिसाइलें दागो और भूल जाओ की नीति पर चलती हैं।

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