New Delhi: उत्तर प्रदेश के आगरा एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे के बाद अब वायुसेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए दो नए हाइवे की पहचान कर ली गई है।
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NHAI ने इस योजना के लिए 5KM की हाइवे पट्टी के निर्माण के लिए टेंडर मंगाए हैं। अगले एक साल के अंदर ये परियोजना पूरी हो जाएगी और यहां वायुसेना के विमानों की आपात लैंडिंग कराई जा सकेगी।
खबरों के मुताबिक, NHAI और एयरफोसन ने राजस्थान का जैसलमेर और तमिलनाडु का रामानाथपुरम हाइवे को इसके लिए चुना है। बता दें कि इससे पहले भारतीय वायुसेना ने 12 एनएच हाइवे मार्गों की पहचान की थी जिसे प्रभावित इलाकों में सहायता अभियान के मद्देनजर आपातकालीन लैंडिग के लिए विकसित किया जा सके।
जानकारी के मुताबिक, इन सभी परियोजना की फंडिंग सरकार करेगी जिसकी कुल लागत कम से कम 150 करोड़ की होगी। सूत्रों ने बताया कि चिन्हित किए गए इलाकों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण किया जाएगा ताकि आपात समय में विमानों को आसानी से जमीन पर उतारा जा सके। कॉंट्रैक्टर्स 4 सालों के लिए इन सभी हाइवे पट्टियों के मरम्मत के लिए जिम्मेवार होगा, इस बीच अगर इनमें कोई खराबी होती है तो इसके लिए भी वही जिम्मेवार होगा।
इस परियोजना में फुटपाथ का निर्माण, छोटे और बड़े ब्रिज, सड़क चौराहों का निर्माण, नालियों, आदि के निर्माण और इनके रखरखाव चार सालों के लिए होगा। एनएचएआई के टेंडर दस्तावेजों के अनुसार ये बातें सामने आई है। बताया जाता है कि भारतीय वायुसेना ने इससे पहले 12 एनएच पट्टियों की पहचान की थी। ये इन राज्यों से थे- राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु। योजना के अनुसार, आपातकाल के समय ये हाइवे मार्ग आम लोगों के लिए बंद कर दिए जायेंगे और ये पूरी तरह से विमानों के लैंडिंग के लिए इस्तेमाल में लाए जायेंगे। कूटनीतिक उद्देश्यों के अलावा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
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