New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत को गणतंत्र दिवस पर खास तोहफा दिया है।
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ट्रम्प के इस कदम से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को सबसे बड़ा फायदा मिलेगा। दरअसल, ट्रम्प ने वीजा लॉटरी सिस्टम खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। इससे उन भारतीयों को बड़ी राहत मिलेगी जो अमेरिका में रह रहे हैं और अभी भी ग्रीनकार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
यदि ट्रम्प का ये प्रस्ताव कांग्रेस में पास हो गया तो भारतीयों को आसानी से ग्रीनकार्ड मिल जाएगा और ग्रीनकार्ड की वेटिंग लिस्ट में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। ट्रंप प्रशासन डायवर्सिटी इमिग्रेंट वीजा प्रोग्राम को खत्म करना चाहता है, जिसके तहत हर साल 50 हजार लोगों को ग्रीन कार्ड दिया जाता है। ग्रीन कार्ड अमेरिका में स्थायी निवास और अमेरिकी नागरिकता प्रदान करता है।
ट्रंप डायवर्सिटी वीजा के विरोधी हैं, उनका मानना है कि यह सबसे अच्छे और चमकदार लोगों को आकर्षित नहीं करता है। न्यू यॉर्क हमले सहित हाल के दिनों में कई आतंकवादी ऐसे सामने आए जो डायवर्सिटी वीजा या चेन माइग्रेशन से अमेरिका आए। ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी वाइट हाउस के अप्रवास सुधार और बॉर्डर सिक्यॉरिटी फ्रेमवर्क के मुताबिक, 'लॉटरी की समाप्ति और वीजा के पुनर्निर्धारण से परिवार आधारित और उच्च प्रशक्षित रोजगार प्रतीक्षासूची में कमी आएगी।'
प्रोग्राम के तहत हर साल अमेरिका में कम प्रवास दर वाले देशों के 50,000 प्रवासियों को ग्रीन कार्ड दिया जाता है। अप्रावस और राष्ट्रीयता कानून के तहत ग्रीन कार्ड देने के तरीकों में से यह एक है। डायवर्सिटी वीजा भौगोलिक रूप से आवंटित किया जाता है। जिन देशों से पिछले पांच सालों में 50 हजार या इससे कम प्रवासी आते हैं वहां के नागरिकों को डायवर्सिटी वीजा के योग्य माना जाता है। किसी एक देश के प्रवासियों को 7 फीसदी से अधिक डायवर्सिटी वीजा आवंटित नहीं किया जाता है।
वर्तमान कोटा की वजह से हजारों भारतीय आईटी प्रफेशनल्स ग्रीन कार्ड का इतंजार कर रहे हैं। 18 देशों के प्रवासियों को डायवर्सिटी वीजा का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि उनके देश से पांच साल में 50 हजार से अधिक लोग अमेरिका का रुख कर जाते हैं। इनमें भारत के अलावा बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, चीन, कोलंबिया, साउथ कोरिया, पाकिस्तान, यूके, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।
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