New Delhi: बिहार के कई काबिल अफसर यूपी सरकार को चला रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बिहार के अफसरों की कर्मठता और योग्यता पर सबसे अधिक भरोसा है ।
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बिहार के कई अफसर यूपी सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं। एक बार योगी आदित्यनाथ से सवाल किया गया था कि आप तो सभी खास पदों पर बिहार के रहने वाले अफसरों को ही तैनात कर रहे हैं, आखिर क्या बात है ? इस योगी ने जवाब दिया था, अगर किसी के पास इससे बेहतर नाम हों तो मुझे सुझाएं। जाहिर है बिहार के अफसर अपनी काबिलियत से योगी की पसंद बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सबसे करीबी जो दो अफसर हैं वे बिहार के रहने वाले हैं। दोनों मुख्यमंत्री सचिवाय में तैनात हैं। मुख्यमंत्री के सचिव मृत्युंजय नारायण बिहार के जहानाबाद के रहने वाले हैं। वे जहानाबाद के घोसी प्रखंड के धुरियारी गांव के रहने वाले हैं। वे IIT में पढ़े हैं और 1995 बैच के IAS हैं। सीएम योगी के विशेष सचिव नीतीश कुमार भी बिहार के रहने वाले हैं।
सीएम योगी ने मृत्युंजय नारायण को बहुत अहम जिम्मेवारी दे रखी है। पिछले दिनों जापान ने यूपी में पूंजी निवेश के लिए प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को जमीन पर उतारने की जिम्मेवारी मृत्युंजय नारायण पर है। यूपी में पूंजी निवेश के लिए जो भी उद्यमी इच्छुक हैं उन्हें केवल मृत्युंजय नारायण से सम्पर्क करना है। कागजी झंझटों से बचने के लिए यहां सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार बिहार के सहरसा के रहने वाले हैं।
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार बिहार के पटना के रहने वाले हैं।
यूपी इंटेलिजेंस के डीजी भावेश कुमार- बिहार ।
एसटीएफ के आइजी अमिताभ यश- बिहार ।
डायल 100 के चीफ आदित्य मिश्रा - बिहार ।
इतना ही नहीं सीएम योगी आदित्नाथ ने अपने गृहक्षेत्र गोरखपुर के एसएसपी की तैनाती के समय भी बिहारी अफसर को ही तरजीह दी। गोरखपुर के एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज भी बिहार के ही मूल निवासी हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार भी बिहार के रहने वाले हैं। दीपक कुमार बिहार के बेगूसराय जिले रामदीरी गांव के निवासी हैं और 2005 बैच के आईपीएस हैं। हाल ही में बिहार के गया के मूल निवासी ओपी सिंह को उत्तर प्रदेश का डीजीपी बनाया गया है। ओपी सिंह योगी की पसंद के अफसर हैं।
इतना ही नहीं आदित्यनाथ ने अपना मीडिया सलाहकार भी एक बिहारी पत्रकार को ही चुना है। अमर उजाला गोरखपुर में सम्पादक रह चुके मृत्युंजय कुमार को ये जिम्मेदारी दी गई है। मृत्युंजय कुमार बिहार के ही रहने वाले हैं।
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