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हज सब्सिडी ही नहीं, मुस्लिमों से जुड़े ये तीन फैसले भी रह चुके हैं सुर्खियों में

New Delhi: बीजेपी के केंद्र में आने के बाद से मुस्लिम समुदाय को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। ताजा फैसला हज सब्सिडी खत्म करके लिया गया है। लेकिन इसके अलावा कई और बड़े फैसली मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय को लेकर लिए। आइए हम आपको बताते हैं ऐसे फैसलों के बारे

#1 हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला

देशी की आजादी के बाद मोदी सरकार ने एक अहम फैसले के तहत हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। आजादी के बाद यह पहला अवसर होगा जब हज यात्रियों को हज यात्रा के लिए सब्सिडी के रूप में मिलने वाली सरकारी मदद हासिल नहीं होगी। इस बार करीब पौने दो लाख लोग बिना सरकारी मदद के हज यात्रा करेंगे।

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सरकार के मुताबिक, 700 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष हज सब्सिडी पर खर्च होते थे। अब यह रकम अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों की शिक्षा पर खर्चे होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में वर्ष 2022 तक चरणबद्घ तरीके से हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। सरकार के इस फैसले का मुस्लिमों ने स्वागत किया है। 

#2 ट्रिपल तलाक पर ऐतिहासिक फैसला
तीन तलाक का मुद्दा बीते साल 2017 में सबसे ज्यादा सुर्खियां में रहा। साल 2017 के अगस्त माह में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर ऐतिहासिक फैसला दिया। तीन तलाक पर मोदी सरकार को ऐतिहासिक फतह हासिल हुई, लोकसभा में कई संशोधन प्रस्ताव खारिज होने के बाद केंद्र का 'मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल' पास हुआ। हालांकि राज्यसभा में अभी तक यह तीन तलाक बिल पास नहीं हो सका जिसकी वजह से यह अभी कानून की शक्ल नहीं ले पाया है।

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दिसंबर में  केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक की प्रथा को अपराध घोषित करने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी। इस विधेयक के मुताबिक मौखिक, लिखित, वॉट्सएप, ईमेल और एसएमएस सहित सभी तरीकों से दिये जाने वाले तलाक को अपराध माना गया है। इसके लिए तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 


 

#3 पुरुष साथी के बिना भी मुस्लिम महिलाएं कर सकेंगी हज

नई हज नीति के तहत अकेली महिला को बिना मेहरम (पुरुष रिश्तेदार) के हज यात्रा की इजाजत देने का पहला बड़ा फैसला लिया।  अब 45 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाएं बिना किसी पुरुष साथी के हज पर जा सकेंगी। अल्पसंख्यक मंत्रालय की नई हज पॉलिसी के तहत जिसमें 45 साल से अधिक उम्र की चार महिलाओं का समूह बिना पुरुष साथी यानी महरम के हज यात्रा पर जा सकेंगी।

इससे पहले 45 साल से कम उम्र की महिलाएं बिना पुरुष साथी के हज पर नहीं जा सकती थी वहीं नीति में पुरुष साथी का कोटा भी 200 से बढ़ाकर 500 किया गया है।

#4 मदरसों में राष्ट्रगान गाने का फैसला

यूपी की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार के मदरसों में राष्ट्रगान गाए जाने के फैसला भी काफी सुर्खियों में बना रहा। योगी सरकार के इस फैसले का राजनीतिक तौर पर जमकर विरोध हुआ। विपक्ष ने योगी सरकार के इस फैसला का कड़ा विरोध किया। देशभर में यूपी सरकार के इस फैसले पर खूब चर्चा हुई। मदरसों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता के योगी सरकार के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई मगर हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

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