Ahmedabad: अक्सर ऐसी खबरें आती रहीं हैं कि किसी शैक्षणिक संस्थान द्वारा छात्राओं को शॉर्ट्स क्लोथ्स पहनकर कॉलेज में एंट्री करने कर बैन लगा दिया है लेकिन एमजे लाइब्रेरी में हर उस शख्स को एंट्री नहीं मिलेगी जो 'छोटे कपड़े' पहना होगा।
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अहमदाबाद मुंसिपल कार्पोरेशन के अंडर चल रही एमजे लाइब्रेरी ने ‘अनुशासन’ का हवाला देते हुए ‘छोटे कपड़े’ और भड़कीलें कपड़े पहनकर लाइब्रेरी में आने वाले पाठकों पर रोक लगा दी है। लाइब्रेरी ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा है कि जो भी पाठक लाइब्रेरी में आए वह पूरे कपड़े पहनकर आए। साथ ही ऐसे कपड़ों को भी पहनकर आने से मना कर दिया गया है जिसमें कोई मैसेज प्रिंट हो और वह लाइब्रेरी के अनुशासन को तोड़ रहा हो। यानि फंकी स्टाइल, भड़कीले टी-शर्ट, हॉफ पैंट आदि नहीं चलेंगे चाहे वह पुरुष हो या महिला। एमजे लाइब्रेरी द्वारा जारी किए गए नोटिस के मुताबिक, छोटे कपड़े पहनना गलत है और यह आनुशासनहीनता भी है। यह पुरुष औऱ महिला दोनों पर ही लागू होगा।
एमजे लाइब्रेरी के एक रेगुलर पाठक शकील शेख ने लाइब्रेरी के इस नोटिस पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि कोई क्या पहनकर लाइब्रेरी आए यह लाइब्रेरी कैसे तय कर सकता है? यहां रेगुलर पाठक आते हैं। इस तरह का नोटिस लाइब्रेरी द्वारा नहीं जारी किया जाना चाहिए था। यह गलत है।
मामले में जब लाइब्रेरी के प्रबंधक बिपिन मोदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ पाठकों को ही यह गलत लगत था। मोदी ने बताया कि उन्होंने कई बार पाठकों से अनुरोध किया कि वह पूरे कपड़े में आएं लेकिन वो ठीक उल्टा करते थे। कई बार पाठकों को कहा गया कि वह पैंट शर्ट पहनकर आएं लेकिन जब वह नहीं मानें तो हमें ऐसा करना पड़ा है। यह नोटिस सिर्फ ‘छोटे कपड़े’ पहनकर आनेवालों के लिए हैं।
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मोदी ने सवालिया लहजे में पुछा कि लाइब्रेरी में इस तरह के ‘छोटे कपड़े’ पहनकर लोग कैसे आ सकते हैं? उन्होंने कहा कि कुछ पाठकों द्वारा पहने जाने वाले 'छोटे कपड़ों' की वजह से लोगों का ध्यान 'भटक' जाता था और कई बार इसकी जानकारी ऐसे पाठकों को दी गई जो छोटे कपड़े पहनकर आते थे लेकिन जब वह नहीं माने तो यह फैसला लेना पड़ा है
बिपन मोदी ने कहा कि इस नोटिस को जारी करने के बाद अब उन्हें पाठकों को ड्रेस सेंस के बारे में बताने की जरूरत नहीं होगी। बतौर मोदी जबसे नोटिस जारी किया गया है तबसे पाठक भी अनुशासित रूस से लाइब्रेरी में आते हैं।
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