New Delhi: UNICEF के मुताबिक नए साल के पहले दिन करीब 386,000 बच्चों ने एक साथ किलकारियां भरीं। इन बच्चों में सबसे ज्यादा 69,070 नवजातों ने भारत में जन्म लिया।
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69 हजार बच्चों के साथ भारत पहले स्थान पर रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, 90 फीसदी से ज्यादा नवजात दुनिया के कम विकसित क्षेत्रों में पैदा हुए। यूनिसेफ की रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक स्तर पर आधे से ज्यादा बच्चों का जन्म इन नौ देशों में हुआ- भारत में 69,070, चीन में 44,760, नाइजीरिया में 20,210, पाकिस्तान में 14,910, इंडोनेशिया में 13,370, अमेरिका में 11,280, कांगो में 9,400, इथियोपिया में 9,020 और 8,370 बच्चे बांग्लादेश में पैदा हुए। हालांकि रिपोर्ट में ये बात भी कही गई है कि इनमें से कुछ बच्चों ने दुनिया से अलविदा ले लिया।
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इसी दिन बेंगलुरु के राजाजी नगर स्थित मैटरनिटी अस्पताल में पुष्पा ने बच्ची को जन्म दिया तो उसके नाम शहर के मेयर संपत राज ने मां को 5 लाख रुपए की गारन्टी का सर्टिफिकेट थमाया। 1 जनवरी को अपनी गायकी से लोगों के दिलों पर राज करने वाली सिंगर सुनिधि चौहान के घर किलकारियां गूंज उठीं। सुनिधि ने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। उन्होंने मुंबई के सूर्या अस्पताल में शाम 5 बजकर 20 मिनट पर बच्चे को जन्म दिया।
एक अनुमान के मुताबिक, हर साल के पहले 24 घंटों में ही 2600 बच्चों की मौत हो जाती है। लगभग 20 लाख नवजात बच्चों के लिए उनका पहला सप्ताह उनका आखिरी सप्ताह भी होता है। पिछले दो दशक से ज्यादा समय में दुनिया ने बच्चों के बचाने के मामले में अप्रत्याशित प्रगति देखी है पर फिर भी दुनिया भर में अपने पांचवें जन्मदिन के पहले मरने वाले बच्चों की संख्या 56 लाख रही।
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विश्व की आबादी करीब 7.5 अरब तक पहुंच चुकी है। भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जो कि विश्व की आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा है तथा साल 2022 तक इसके विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने का अनुमान है, इस तरह यह चीन की जनसंख्या को पार कर रहा है। साल
2017 में विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "परिवार नियोजन: लोगों का सशक्तिकरण एवं राष्ट्रों का विकास” रहा है। परिवार नियोजन लोगों को अपनी इच्छानुसार बच्चों के जन्म एवं गर्भधारण के अंतराल निर्धारण करने की सुविधा देता है। इसे गर्भनिरोधक विधियों और बांझपन के उपचार के उपयोग के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
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