New Delhi: आज से 40 साल पहले धीरूभाई अंबानी ने सिर्फ एक हजार रुपए के साथ रिलांयस की शुरुआत की थी।
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1977 से लेकर अब तक यह कंपनी अपना अलग मुकाम बनाकर 6 लाख करोड़ की कंपनी बन चुकी है। रिलायंस आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। कंपनी के बढ़ते दायरे का ही असर है कि आज यह कंपनी देश की शीर्ष कंपनी में से एक है।
वर्ष 1977 में स्थापना के साथ इस कंपनी ने पहली बार अपना IPO जारी किया। धीरू भाई अंबानी ने भारत में इक्विटी क्लट शुरू किया। वर्ष 1982 में कंपनी ने पहली दफा पॉलिस्टर की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की, जो बाद में काफी चर्चित हुई। इसके बाद कंपनी से बड़ी संख्या में कर्मचारी भी जुड़े।
वर्ष 1991 में रिलायंस ने पहली बार रिफाइनरी क्षेत्र में प्रवेश किया। इसके बाद ही कंपनी ने पॉलीमर के व्यापार में प्रवेश किया.इससे भी कंपनी का काफी फायदा हुआ। वर्ष 1994 में रिलायंस ने पहली बार यूएस 300 मीलियन डॉलर का जीडीआर इशू करने की वजह से धीरू भाई को पहली बार बिजनसमैन ऑफ द ईयर चुना गया।
वर्ष 1998 में वार्थन स्कूल, यूनिवर्सटी ऑफ पेनिसेलवानिया ने धीरू भाई को आउट स्टैंडिंग लीडरशिप के लिए सम्मानित किया। इतने बड़े स्तर पर पहली बार मिला था सम्मान। वर्ष 2000 में रिलायंस को फिक्की द्वारा 20 सदी का इंडियन एंटरप्रिन्योर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
वर्ष 2002 में आरपीएल का आरआईएल मर्जर हुआ। इसके बाद आरआईएल देश की पहली प्राइवेट सेक्टर कंपनी बनी। वर्ष 2009 में रिलायंस ने महानदी बेसिन में नेचुरल गैस रीसर्व की खोज की। इसी साल कंपनी ने अपनी इक्विटी बेचने के साथ बाजार से 3,188 करोड़ रुपये बनाए। वर्ष 2014 में रिलायंस जियो 800 व 1800 एमएचजेड बैंड स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया। अब रिलायंस का ज्यादातर कारोबार मुकेश अंबानी संभाल रहे हैं।
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