New Delhi : देश की राजधानी नई दिल्ली से तीन दिनों से लापता बिहार निवासी IAS अधिकारी जीतेंद्र कुमार झा का निधन हो गया है।
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बताया जाता है उनकी लाश दिल्ली के पालम स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली है। ट्रैक के पास एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि मैं परिवार से परेशान हूं और मुझे फ्रीडम नहीं दी जा रही थी। इधर, अधिकारी के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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जीतेंद्र सुपौल जिला के वीणा बभनगामा गाव के निवासी हैं। वे दिल्ली के द्वारका इलाके से तीन दिनों पहले लापता हो गए थे। वह घर से सुबह की सैर के लिए निकले थे। उनका मोबाइल भी घर पर था। जब वे देर तक लौटकर नहीं आए तो उन्हें तलाश किया गया। जब वह नहीं मिले तो दो दिनों पहले पुलिस को सूचना दी गई थी।
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IAS जितेंद्र झा अपनी ईमानदारी के लिए अपने साथियों के बीच फेमस थे। घर का मंजर शोकमय बना हुआ है। उनकी पत्नी और बच्चे का रो रोकर बुरा हाल हो गया है। बच्चे बार बार अपनी मां से पूछ रहे हैं कि मां पापा कब आएंगे। जीतेंद्र के संबंधी संजीव झा बताते हैं कि सुपौल जिला के वीणा बभनगामा गांव के जितेन्द्र झा एचआरडी मिनिस्ट्री मे फाइनेंशियल (कंट्रोलर ऑफ अकाउंटस) IAS officer अधिकारी थे।
वो दिल्ली के द्वारका सेक्टर 9 स्थित अपने आवास से बाहर निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे मूल रूप से बिहार के मिथिला के सुपौल जिले के बभनगामा के रहने वाले जितेन्द्र झा बहुत ही ईमानदार ऑफिसर के रूप में हैं। जितेन्द्र झा ने ठेके और कंस्ट्रक्शन में लगातार हो रहे घोटाले के खिलाफ मुहिम छेड़ रखा था।
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पत्नी के मुताबिक वह पिछले काफी समय से परेशान चल रहे थे। डिपार्टमेंट से अमूमन 5-6 महीने में उनका ट्रांसफर कर दिया जाता था। इससे पहले वह सूचना प्रसारण मंत्रालय में थे। बाद में उनका ट्रांसफ़र एचआरडी मिनिस्ट्री में कर दिया गया था। वह कहते थे कि उनकी काफी लोगों से दुश्मनी भी हो गई थी, क्योंकि वह एक ईमानदार अधिकारी हैं।
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