New Delhi: सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी करने वाले कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल विवादों में घिरने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए हैं।
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सिब्बल ने कहा है कि जब भगवान चाहेंगे तभी राम मंदिर बनेगा। ना तो मंदिर मोदी जी के कहने पर बनेगा, मामला कोर्ट में है।
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सिब्बल ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमारे पीएम और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बिना जांचे परखे बयान दे देते हैं। मैंने कभी सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी नहीं की। सिब्बल ने कहा कि मैं पीएम से अपील करना चाहूंगा कि वो बयान देने से पहले एक बार तथ्य जांच लिया करें।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले की सुनवाई को अगले लोकसभा चुनाव तक टालने की दलील देने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल चौतरफा घिर गए थे। आज सुबह पीएम मोदी और बीजेपी के हमले के बाद अब उस सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ही सिब्बल से किनारा कर लिया था, जिसका पक्ष रखते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत में यह दलील दी थी।
हालांकि शाम ढलते-ढलते सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से सिब्बल के खिलाफ जाने वाले बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाजी महबूब अपने बयान से पलट गए। दोपहर में उन्होंने कहा था कि हां, कपिल सिब्बल हमारे वकील हैं, लेकिन वह एक राजनीतिक दल से भी जुड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिया गया उनका बयान गलत है। हम इस मसले का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं।'
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हाजी महबूब ने कहा, 'मैं तो चाहता हूं कि यह मसला जल्द से जल्द हल हो जाए। सिब्बल ने किस अंदाज से कह दिया कि 2019 के बाद सुनवाई हो? यह मैं गलत समझता हूं। 25 साल गुजर गए, मैं नहीं चाहता हूं कि 1992 की तस्वीर फिर दोहराई जाए। वह कांग्रेस के नेता भी हैं, हमें पता नहीं था कि वह ऐसी बात कहेंगे।'
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