New Delhi: डोप जांच पर खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि अगर ICC वाडा के अधीन है। और अपने प्लेयर की जांच वाडा के अधीन कराना चाहती है, तो सरकार को कोई परेशानी नहीं है।
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दरअसल बता दें कि खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ का बयान वाडा के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि नाडा को क्रिकेट खिलाड़ियों की डोप जांच कराने का कोई अधिकार नहीं है। वाडा ने BCCI के दावे को गलत करार दिया था । आपको बता दें कि BCCI राष्ट्रीय खेल महासंघ के अधीन नहीं आता और उसका मौजूदा एंटी डोपिंग तंत्र वाडा के नियमों के अंतर्गत काम करता है।
दिल्ली हाफ मैराथन के मौके पर कार्यक्रम में शिरकत करने आए राठौड़ ने कहा कि उनके लिए तीन लोग काफी अहम हैं। पहला खिलाड़ी, दूसरा कोच और प्रशंसक। उन्होंने कहा क्योंकि जब डोपिंग होती है, तो प्रशंसकों के साथ धोखा होता है क्योंकि प्रशंसक खिलाड़ियों को अपने आदर्श की तरह मानते हैं। डोपिंग से प्रशंसकों के विश्वास के साथ धोखा होता है। इसलिए खेल के प्रशासकों के लिए यह जरूरी है कि वो इस बात को खासा ध्यान रखें, कि खेल में धोखाधड़ी ना हो।
खेल मंत्री ने कहा कि क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। वे इस बात से खुश हैं कि क्रिकेट बाहर की एजेंसी से डोप पर नियंत्रण रख रहा है, लेकिन जब पूरा देश नाडा पर भरोसा कर रहा है तो क्रिकेट खिलाड़ियों को भी इस पर भरोसा करना चाहिए। राठौड़ ने कहा कि उन्होंने वाडा पर सब कुछ छोड़ दिया है क्योंकि आईसीसी उसके अधीन है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर खिलाड़ियों की जांच वाडा करता है, तो मंत्रालय को किसी तरह की परेशानी नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, वाडा को नाडा की अप्रैल की ऑडिट रिपोर्ट से पता चला था कि बीसीसीआई नाडा का पालन नहीं करता है और ना ही वह क्रिकेट में डोपिंग रोधी कार्यक्रम को मानता है। बीसीसीआई ने साफ तौर पर वाडा की भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के डोप टेस्ट की मांग को ठुकरा दिया था। वाडा के नियमों के मुताबिक खिलाड़ियों को हर साल की तिमाही में आईसीसी को डोप टेस्ट के लिए अपनी जगह और समय बताना होगा ।
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