New Delhi : भारत अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आए दिन नए हथियार बना रहा है। इस बार DRDO ने नाग मिसाइल बनाई है।
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डीआरडीओ की ये नाग मिसाइल दुश्मन के हमले को विफल करके उसपर उल्टा हमला कर सकती है। पाकिस्तान जैसे छोटे देशों को खत्म करना इसके लिए मिनटों का का काम है।
नाग मिसाइल को बनाने में DRDO को वक्त तो लगा लेकिन उन्होंने चीज ऐसी बनाई है जिसके बारे में सुनकर ही चीन और पाकिस्तान जैसे शातिर देशों की नींद उड़ जाएगी।
वहीं, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के क्रम में रक्षा मंत्रालय ने इजरायल के साथ स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के लिए 500 मिलियन डॉलर की डील को रद्द कर दिया है। मंत्रालय अब मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) स्वदेश में ही बनाना चाहता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को इस मिसाइल को बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। डीआरडीओ को इस तकनीक की मिसाइल बनाने में तीन से चार साल लग जाएंगे।
स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा देना मुख्य वजह :
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इजरायल के साथ डील रद्द करने की मुख्य वजह भारत में ही अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण को बढ़ावा देना है। इस डील से डीआरडीओ के स्वदेशी हथियार बनाने की तैयारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना माना जा रहा था। इसीलिए मंत्रालय ने इजरायल के साथ तीसरी पीढ़ी की स्पाइक मिसाइल बनाने की डील को रद्द कर दिया है।
पिछले साल ही हुई थी डील :
पिछले साल इजरायल से राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की डील होने के बाद स्पाइक मिसाइल की डील को भारत-इजरायल के संबंधों में और मजबूती के रूप में देखा जा रहा था। इस डील के बाद ही इजरायल के राफेल और कल्याणी ग्रुप के साथ भारत में ही मिसाइल बनाने पर सहमति बनी थी। हैदराबाद के पास इसके लिए एक आधुनिक प्लांट बनाया जा रहा था।
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