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New Delhi : उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पहचान चुरा कर विदेशी नागरिकों और फर्जी लोगों को भारतीय सेना में भर्ती होने के मामले का खुलासा किया है। एटीएस ने सोमवार को वाराणसी से ऐसे ही एक नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया, जो दलाल को पांच लाख रुपये देकर सेना की गोरखा राइफल्स कंपनी में भर्ती हुआ था।
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आईजी असीम अरुण ने सोमवार को बताया कि एटीएस को यह सूचना मिली थी कि वाराणसी में हुई सेना की भर्ती में कुछ विदेशी लोग गलत नाम पते से भर्ती हो गए हैं। गोपनीय रूप से जांच की गई तो तीन नाम प्रकाश में आए, जो 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी से गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए थे। आगे की जांच में नए खुलासे हुए।
उन्होंने बताया कि गहन जांच में पाया गया कि तीनों के चरित्र प्रमाण पत्र नकली हैं। यह लोग किसी अन्य की पहचान पर भर्ती हुए हैं। इन लोगों ने असली व्यक्ति की 'पहचान' चुराई है। क्योंकि इन तीनों में से दो लोगों की पहचान के असली व्यक्ति अपने पते पर रह रहे हैं। तीसरे द्वारा दी गई 'पहचान' की जांच जारी है।
गोपनीय जांच के आधार पर एटीएस थाना लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना इंस्पेक्टर विजय मल को दी गई। विवेचना में तीनों आरोपियों के खिलाफ जुटाए गए साक्ष्यों में आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद 16 अक्टूबर को तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ। एटीएस ने वाराणसी में फर्जी दिलीप गिरि से पूछताछ की।
दिलीप गिरि ने जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उसका असली नाम विष्णु लाल भट्टाराय उर्फ जीवन क्षत्रिय है। वह नेपाल देश के जिला रूपनदेई के थाना देवड़ा के देवड़ा-2 का रहने वाला है, जिसके बाद एटीएस ने उसे वाराणसी के कैंट क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। दिलीप गिरी को 24 अक्टूबर मंगलवार को लखनऊ न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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