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New Delhi: पांच महीने चले संघर्ष के बाद आखिरकार सोमवार को फिलीपींस ने मारावी शहर को इस्लामी आतंकियों से मुक्त करा लिया। इस संघर्ष में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए। सेना को शहर पर कब्जे के लिए स्वचालित हथियारों के साथ तोपों का भी इस्तेमाल करना पड़ा।
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आतंकियों को हेलीकॉप्टरों से भी निशाना बनाया गया। वैसे सोमवार को सुबह भी कई इलाकों में फायरिंग की आवाज सुनी गई। एक मस्जिद परिसर से आग की लपटें उठती देखी गईं। दो इमारतों से 40 आतंकियों और दो महिलाओं के शव बरामद किए गए हैं। शहर में यही दो इमारतें बची थीं जहां से सेना पर फायरिंग हो रही थी।
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के प्रवक्ता अर्नेस्टो अबेला ने मारावी के मुक्त होने की घोषणा करते हुए कहा, फिलीपींस और समूचे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए खतरा बने आतंकियों को खत्म कर दिया गया है। रक्षा मंत्री डेफिन लोरेनजाना सुरक्षा बल अब आतंकी संगठनों की जड़ें तलाशकर उन्हें उखाड़ फेंकेंगे। कुल 154 दिन चली सेना और वायुसेना की कार्रवाई की शुरुआत आतंकी सरगना इस्नीलोन हैपीलोन को गिरफ्तार करने गए सेना के जवानों पर हमले के बाद हुई।
इस्लामिक स्टेट (आइएस) से जुड़े इस आतंकी सरगना पर अमेरिका ने भी 50 लाख डॉलर (33 करोड़ रुपये) का इनाम रखा था। पिछले हफ्ते उसे मारावी में मार गिराया गया। उसी के बाद मारावी के जल्द मुक्त होने की घोषणा की गई थी।
मुस्लिम बहुल शहर में चले लंबे संघर्ष में 920 आतंकी मारे गए जबकि 165 सेना और पुलिस के जवान शहीद हुए। हिंसा में 45 नागरिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा। बड़े पैमाने पर लड़ाई छिड़ जाने से तीन लाख से ज्यादा लोगों को शहर छोड़कर भागना भी पड़ा। हजारों लोगों को आतंकी ढाल बनाकर सेना पर हमले कर रहे थे। लेकिन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रोककर सेना ने आतंकियों की घेरेबंदी को खत्म किया।
तोपों और हेलीकॉप्टरों से बमबारी के चलते शहर की इमारतों व सड़कों को भारी नुकसान हुआ है। सैन्य कार्रवाई के उप प्रमुख कर्नल रोमियो ब्रानर ने कहा है कि कुछ आतंकी अभी जिंदा हो सकते हैं जो अपने हथियार फेंककर आमजनों में शामिल हो गए होंगे। अगर वह सेना या आमजनों पर हमला करते हैं तो हम उनका भी सफाया कर देंगे।
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