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New Delhi: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अंशधारकों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश के हिस्से को उनके भविष्य निधि खातों में डालने के प्रस्ताव पर अगले महीने विचार करेगा। निकासी के समय इसे भी भुनाया जा सकेगा।
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श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अगुवाई वाले ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की नवंबर में बैठक होने जा रही है। इस बैठक में ईटीएफ निवेश को सदस्यों के खातों में डालने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।’’ अधिकारी ने कहा कि यह मुद्दा सीबीटी की इसी साल में पूर्व में हुई बैठक के एजेंडा में भी था। बाद में इसे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को भेज दिया गया था।
कैग ने सैद्धान्तिक रूप प्रस्ताव पर सहमति दी है लेकिन साथ ही कुछ स्पष्टीकरण भी मांगे हैं। एक अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक ईटीएफ में ईपीएफओ का निवेश 45,000 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा। ईपीएफओ ने अगस्त, 2015 में ईटीएफ में निवेश शुरू किया था।
उस समय उसने ईटीएफ में अपने निवेश योग्य कोष का पांच प्रतिशत लगाया था। चालू वित्त वर्ष के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। एक बार मंजूरी मिलने के बाद अंशधारकों का ईटीएफ यूनिट्स में हिस्सा उनके खातों में डाल दिया जाएगा। ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या पांच करोड़ है। यह 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कोष का प्रबंधन करता है।
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