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New Delhi: आज यानि कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिवाली की पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इस दिन साक्षात्त मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर अपनी असीम कृपा बनी रहती है। दिवाली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो गई है और बाजारों में लोग दीपावली की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। देवी लक्ष्मीजी कार्तिक मॉस की अमावस्या के दिन समुन्दर मंथन में से प्रकट होती हैं। इसलिए यह पर्व इस दिन मनाया जाता है।
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दिवाली की रात को महानिशा की रात्रि भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं। इसलिए इस दिन ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे वे रूठ जाएं। दीवाली को देर तक ना सोते रहें। पंडितों का कहना है कि इस दिन सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर को धन से भर देती हैं। दिवाली के दिन शाम के समय नहीं सोना चाहिए. सोने से दरिद्रता घर आती है। केवल वही आराम करें जो बीमार हों। लक्ष्मी रूठकर वापिस चली जाती हैं। अक्सर लोग शराब का सेवन करते हैं। पर पंडित कहते हैं कि इस दिन नशे से दूर रहना चाहिए। किसी भी तरह का नशा करने से घर में गरीबी-दरिद्रता आती है। बड़ों का अपमान ना करें। किसी भी हालत में ऐसा ना हो। दिवाली के शुभ दिन बड़ों का अपमान करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। इस दिन बड़ों की सेवा से सुख-समृद्धि मिलती है। इस दिन घर में लड़ाई-क्लेश ना हो। अगर ऐसा होता है तो उस दिन घर पर लक्ष्मी नहीं आतीं। उनकी कृपा नहीं मिलती।
जहां साफ-सफाई होती है वहां देवी-देवताओं का वास होता है। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी वहीं आती हैं जहां साफ-सफाई हो। घर के बाहर रंगोली बनाएं। फूलों की माला से घर को सजाएं। ये खुशियों-रोशनी का त्योहार है। इस दिन अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। गुस्से पर काबू रखें।
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