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Washington: दुनियाभर की नेवी द्वारा सबसे एडवांस्ड एयरक्राफ्ट कैरियर में किसी भी विमान की लांचिंग के लिए आम तौर पर स्टीम कैटापुलेट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अमेरिका ही अकेला ऐसा देश है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लांच सिस्टम यानी Emals का इस्तेमाल करता है। चीन भी इस तकनीक का विकास कर रहा है, लेकिन उससे पहले ही ये एडवांस्ड तकनीक भारत को मिलने जा रही है।
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जी हां, ट्रम्प प्रशासन ने भारत को ये तकनीक देने के लिए मंजूरी दे दी है। अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स द्वारा तैयार की गई EMALS तकनीक की मदद से भारतीय नेवी के फ्यूचर एयरक्राफ्ट कैरियर्स में विमानों का टेकऑफ बहुत आसान और सुरक्षित हो जाएगा। ट्रम्प प्रशासन ने इस बारे में भारत सरकार को जानकारी दे दी है।
अमेरिका ने अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की भारत यात्रा से पहले EMALS टेक्नोलॉजी देने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, ये साफ इशारा है कि अमेरिका भारत के साथ अपनी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को मजबूत करना चाहता है। हालांकि, टिलरसन के दौरे की तारीखों का आधिकारिक एलान होना अभी बाकी है।
आपको बता दें कि भारतीय नौसेना भविष्य के एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की प्लानिंग कर रहा है। भारत ने ओबामा प्रशासन को EMALS टेक्नोलॉजी देने के लिए पत्र लिखा था। बता दें कि ओबामा प्रशासन ने भारत को मेजर डिफेंस पार्टनर बताया था और अब ट्रम्प प्रशासन ने भी इसे मंजूरी दी है।
क्या होगा फायदा - भारतीय नौसेना अपने फ्यूचर एयरक्राफ्ट कैरियर्स को EMALS टेक्नोलॉजी से लैस करना चाहती है। EMALS के जरिए अलग-अलग तरह के, अलग-अलग वजन वाले एयरक्राफ्ट को लॉन्च करने में आसानी होगी।
क्या है प्लानिंग - जनरल एटॉमिक्स के यूएस एंड इंटरनेशनल स्ट्रेटजिक डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. विवेक लाल का कहना है कि जनरल एटॉमिक्स दिल्ली में एक ऑफिस खोलने की प्लानिंग कर रहा है, ताकि भारत सरकार की मिलिट्री रिक्वायरमेंट्स को सपोर्ट किया जा सके।
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