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ताजमहल नहीं कोई पूजास्थल, अधिकतर मुगल थे अय्याश: शिया वक्फ बोर्ड

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New Delhi : ताजमहल पर दिए गए यूपी के मेरठ जिले की सरधना सीट से बीजेपी विधायक संगीत सोम के विवादित बयान की आलोचना चारों तरफ से हो रही है। खुद उनकी पार्टी उनके बयान को उनकी व्यक्तिगत राय बता चुकी है। वहीं संगीत सोम के बाद अब उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अधिकांश मुगल शासकों को अय्याश बताया। इतना ही नहीं उन्होंने मुसलमानों से मुगल शासकों को आदर्श न मानने की भी अपील की।

वसीम रिजवी के अनुसार मुगलों का शासनकाल एक काला अध्याय है और इसे बच्चों को नहीं पढ़ाया जाना चाहिए। एक दो मुगल शासकों को छोड़ दें तो ज्यादातर अय्याश और शराबी थे। उन्होंने तलवार के बल पर आक्रमण किया। यह इस्लाम नहीं सिखाता। रिजवी ने कहा कि ताजमहल प्रेम का प्रतीक हो सकता है लेकिन उसकी पूजा नहीं की जा सकती।

इससे पहले वहीं सरयू के तट पर बनने वाली राम भगवान की प्रतिमा पर बोलते हुए रिजवी ने कहा था कि यह बहुत अच्छा प्रयास है। अगर एशि‍या की सबसे बड़ी प्रतिमा यहां बनती है तो इससे उत्तर प्रदेश की चमक और बिखरेगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने सीएम को एक लेटर लिखा है। लेटर में राम की मूर्ति के लिए जमीन और धनुष के लिए चांदी के 10 तीर देने की बात कही गई है। रिजवी के अनुसार यह हिंदू और मुस्लिम एकता के लिए अच्छा मेसेज होगा।

आपको बता दें कि ताजमहल पर संगीत सोम ने कहा था कि कुछ लोगों को बहुत दर्द हुआ जब ताजमहल का नाम देश के ऐतिहासिक स्थलों में से निकाल दिया गया।सोम ने कहा था कि ये कैसा इतिहास, किस काम का इतिहास जिस में अपने पिता को ही कैद कर डाला था। इन लोगों ने हिंदुस्तान में हिन्दुओं का सर्वनाश किया था। संगीत सोम बोले थे कि अब भाजपा सरकार देश के इतिहास से बाबर, अकबर और औरंगजेब की कलंक कथा को इतिहास से निकालने का काम कर रही है।

वहीं इस पर AIMIM प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने बयान पर पलटवार किया था। ओवैसी ने कहा कि संगीत सोम को ताजमहल को ऐतिहासिक धरोहरों से हटाने को लेकर यूनेस्को जाना चाहिए। ओवैसी ने कहा था कि लाल किले को भी गद्दारों ने बनाया था, क्या पीएम मोदी लालकिले से तिरंगा फहराना बंद कर देंगे।

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