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New Delhi: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अब सख्त सुरक्षा और प्रोटोकाल में हैं, लेकिन कहीं न कहीं उनके दिल में अभी भी सामान्य जीवन की इच्छा है। लंबे राजनीतिक जीवन में विभिन्न मंचों से उनके भाषणों और विचारों पर संकलित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर इसका खुलासा हुआ।
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'टायरलेस व्हाइस, रिलेंटलेस जरनी' नाम की इस पुस्तक का विमोचन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। शुक्रवार को पुस्तक संयुक्त रूप से संकलित करने वाले केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और सांसद हरी बाबू ने पुस्तक के बारे में जानकारी दी।
इस मौके पर दोनों मंत्रियों ने वेंकैया से जुड़े संस्मरण सुनाए। रूड़ी ने बताया कि एक बार नायडू ने पूछा था कि क्या वह उपराष्ट्रपति बनने के बाद सामान्य एयरलाइन्स से जा सकेंगे? इसी क्रम में नकवी ने वेंकैया के अध्यक्षीय काल की एक घटना सुनाई। उस वक्त उन्होंने श्रीनगर में सम्मेलन करने की इच्छा जताई थी। घाटी उग्रवाद की चपेट था और ऐसे में नकवी बमुश्किल एक दो दर्जन लोग ही जुटा पाए थे लेकिन वेंकैया ने वहां भी आधे घंटे तक उनसे संवाद किया था।
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