NEW DELHI:
सालों की खोजबीन और स्टडी के बाद आर्कियोलॉजिस्ट्स अतीत की कई ऐसी अनोखी बातें लोगों के सामने लेकर आ चुके हैं, जिनके बारे में शायद ही कभी कोई जान पाता। ये ऐसे रहस्य थे, जो वक्त के साथ दफन होते गए। लेकिन जिज्ञासा में इन रहस्यों से पर्दा उठता गया। कभी-कभी प्रकृति भी खुद अपने रहस्य सामने ले आती है। ऐसा ही कुछ हुआ बोस्निया के जाविदोविची में, जहां घने जंगल में गए कुछ गांव वालों को की नजर एक अजीब से पत्थर पर पड़ी।
Related Articles
जाविदोविची के घने जंगलों में गांव वाले लकड़ियां इकठ्ठा करने जाते हैं। लेकिन हाल ही में जंगल गए कुछ लोगों की नजर जमीन से बाहर निकले एक अजीब से पत्थर पर पड़ी। इसे देखते ही सब समझ गए कि ये पत्थर आम नहीं है। उन्होंने तुरंत आर्कियोलॉजिस्ट्स से कॉन्टेक्ट किया। इन्वेस्टिगेशन में ये बात सामने आई कि ये गेंद लोहे से बनी हुई थी। पांच फीट डायमीटर में फैला ये पत्थर वहां कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी। ये बात भी सामने आई कि इस गेंद जैसे दिखने वाले स्ट्रक्चर को इंसानों ने नहीं बनाया था। रिसर्चर्स इसकी जांच कर रहे हैं कि आखिर इस पत्थर का रहस्य क्या है?
सोशल मीडिया में इस गेंद को भगवान श्रीकृष्ण की गेंद कहा जा रहा है। अब इसे अधंविश्वास कहें या आस्था इसका फैसला तो सच पता चलने बाद ही चलेगा। इस पत्थर पर रिसर्च कर रहे एक साइंटिस्ट समीर ओस्मानागिस ने प्राचीन सभ्यता से इस पत्थर को जोड़ कर स्टडी की। उनके मुताबिक, ये पत्थर पंद्रह सौ साल पुराना है। और पास्ट में भी ऐसे कई पत्थर मिल चुके हैं। लेकिन लोगों में ये गलतफहमी थी कि इनके बीच सोना छिपा रहता है। इसलिए सभी पत्थरों को तोड़ दिया जाता था।
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के डॉ. मैंडी एडवर्ड्स के मुताबिक ये पत्थर प्राकृतिक रूप से बनी है। इंसानों का इसके निर्माण में कोई हाथ नहीं है। वो कहते हैं कि कोंक्रीशन नाम की प्रक्रिया में सालों तक मिनरल्स जुड़ते रहते हैं और ऐसा रूप ले सामने आते हैं। हालांकि, अभी तक जिओलोजिस्ट्स के मुताबिक अभी तक इस प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी किसी को नहीं है लेकिन ये पत्थर इसका सटीक उदाहरण है। अभी भी रिसर्चर्स इस पर स्टडी कर रहे हैं। आशा है कि जल्द ही इस रहस्यमयी पत्थर के बारे में जानकारी हासिल हो जाएगी।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here