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New Delhi: पाकिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र हैं। लेकिन वहां पर कुछ ऐसे मंदिर है जिनमें आज भी पूजा होती हैं। ऐसा ही एक मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के पास स्थित है माता हिंगलाज मंदिर। इस मंदिर की मान्यता केवल पाकिस्तान में ही नहीं भारत में भी है।
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पुराणों में माना जाता है कि जब भगवान शिव माता सती के शव को कंधे पर रखकर तांडव करने लगे तो भगवान विष्णु ने चक्र से शरीर के कई हिस्सों में बांट दिया। मान्यता है कि माता सती का सिर इस स्थान पर गिरा था। जिसको आज हिंगलाज माता के नाम से जानते हैं।
इस मंदिर की चौखट पर यह देखकर सुखद आश्चर्य होता है कि यहां पर हिन्दू-मुसलमान का भेद खत्म हो जाता हैं। वो यहां पर सिर्फ माता के भक्त के रूप में नजर आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई भी मुसलमान निराश होकर नहीं जाता।
इस मंदिर को लोग नानी के मंदिर के नाम से भी जानते हैं। माना जाता है कि यह मंदिर इंसानों के द्वारा निर्मित नहीं हैं। पहाड़ी गुफा में माता मस्तिष्क के रूप में विराजती हैं। सबसे सुखद और आश्चर्य की बात यह है कि 51 शक्तिपीठों में यह पहला शक्तिपीठ हैं। इस मंदिर को पुजारी सदियों से मुस्लिम ही रहा हैं। यह धर्मनिरपेक्षता की एक ताजा मिसाल हैं।
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