New Delhi
JDU जल्द ही बागी नेता SHARAD YADAV के खिलाफ कार्रवाई करेगी। पार्टी शरद यादव की सदस्यता समाप्त करने के लिए राज्यसभा सचिवालय के पास शिकायत दर्ज कराने जाएगी। पार्टी का कहना है कि हमारी पार्टी ने पहले ही यादव को एक पत्र भेजकर उन्हें लालू की रैली में शामिल नहीं होने के लिए कहा था। इसके साथ ही उन्हें बताया गया था कि अगर वह शामिल होते हैं तो इसे उनका पार्टी को स्वेच्छा से छोड़ना माना जाएगा।
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पार्टी ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर आरजेडी की रैली थी और शरद यादव ने पहले से चेतावनी मिलने के बावजूद इसमें हिस्सा लेकर जेडीयू के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। पार्टी का कहना है कि रैली का आयोजन आरजेडी ने किया था, जेडीयू ने नहीं। शरद यादव ने हमारी पार्टी की ओर से मना करने के बावजूद रैली में जाकर भाषण दिया। यह निराशाजनक है कि हमारी पार्टी के आरजेडी के भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पष्ट रुख रखने के बावजूद यादव ने इसके बारे में कुछ नहीं बोला।
उधर, शरद यादव ने भी सदस्यता खत्म करने की जेडीयू की कोशिशों से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा से उन्हें अयोग्य करवाने की नीतीश की योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। यादव ने नीतीश के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर भी सवाल उठाया था। इसपर जेडीयू का कहना है कि नीतीश का आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के चुनावी वादे के अनुसार लिया गया है।
पार्टी का कहना था कि इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार में मतदाताओं ने नीतीश को समर्थन दिया था। बिहार के सभी 71 विधायक नीतीश के साथ मजबूती से खड़े हैं। जेडीयू विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने कहा था कि पार्टी को किसी भी स्थिति में लालू प्रसाद और उनके परिवार के भ्रष्टाचार के साथ नहीं खड़ा होना चाहिए। उनका संदेश था कि हम लालू के साथ नहीं डूबेंगे, लेकिन इसके बावजूद शरद यादव आरजेडी के भ्रष्टाचार की बात नहीं कर रहे।
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