New Delhi:
मार्च में उज्जैन-भोपाल ट्रेन विस्फोट के मामले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है । NIA की जांच में कहा गया है कि दो संदिग्ध दिसंबर 2016 में कानपुर से लखनऊ भारतीय वायु सेना के झंडे लगी मोटरसाइकिल पर बम लेकर गए थे।
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लखनऊ कोर्ट में दायर NIA की चार्जशीट से यूपी पुलिस पर भी सवालिया निशान लगे हैं, चार्जशीट में कहा गया है कि यूपी हाईवे पर ISIS मॉड्यूल आसानी से घूम रहे हैं । साथ ही लखनऊ से कानपुर बसों के जरिए दो साल तक हथियार लेकर यात्राएं करते रहे ।
इनमें से एक की पहचान गौस मोहम्मद खान के रूप में हुई है, जोकि भारतीय वायुसेना का पूर्व कर्मचारी हैं। ISIS के लखनऊ मॉड्यूल ने 7 मार्च को हुए विस्फोट को अंजाम दिया । हालांकि इसमे किसी की जान नहीं गई । गौस मोहम्मद 8वें नंबर का मॉड्यूल था, जो कानपुर से गिरफ्तार किया गया था । और एक सैफुल्ला जिसका 9 मार्च को लखनऊ में एनकाउंटर हुआ था, उसे ATS ने मुठभेड़ में मार गिराया था । जांच से पता चला है कि ISIS मॉड्यूल ने पिछले दो सालों में कानपुर और लखनऊ के बीच हथियार और गोला-बारूद ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया था।
NIA की चार्जशीट में बताया गया है कि ISIS मॉड्यूल का हेड आतिफ मुजफ्फर कानपुर के पास ही हथियारों की ट्रेनिंग देता था । और उस पर हथियारों की ट्रेनिंग के दौरान एक स्कूल टीचर रमेश चंद्र शुक्ला को गोली मारने का आरोप है, जबकि गोली सिर्फ टेस्टिंग के लिए ही मारी गई थी । लखनऊ कोर्ट में दायर की गई अपनी चार्जशीट में NIA ने कहा है कि मुज़फ़्फ़र ने अप्रैल से जून 2016 के बीच 'इन्स्पायर' नामक एक ऑनलाइन पत्रिका से बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। उसने अपने लैपटॉप से बरामद बम गाइड तैयार किया था। मुजफ्फर ने अपने गैंग के साथ मिलकर बम बनाया और रिहर्सल के लिए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में विस्फोट किया, ताकि लोगों के अंदर डर पैदा किया जा सके ।
इस खुलासे से यूपी पुलिस पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं, कि पुलिस हाईवे-नेशनल हाईवे को लेकर जरा भी सचेत नहीं है, और ISIS मॉड्यूल देश के अंदर कहीं भी आसानी हथियारों के साथ भी आ जा रहे हैं । खासकर यूपी में पुलिस की लापरवाही की हद कुछ ज्यादा ही है। साथ ही यह भी बताया गया है कि अगस्त 2016 से मार्च 2017 तक मॉड्यूल ने पांच बम बनाये थे। 5वां बम छह इंच का पाइप बम था, जिसका इस्तेमाल उज्जैन-भोपाल ट्रेन में किया गया था।
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