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New Delhi: यूं तो आपने महादेव के कई मंदिरों के दर्शन किए होंगे और उनके कई रूप भी देखे होंगे, लेकिन अगर मंदिर का आकार ही महादेव की महिमा सुनाए और मंदिर के हर कोने में आपको भगवान शिव के होने का आभास हो तो आपको कैसा लगेगा।
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कर्नाटक के कोलार जिले में दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग मौजूद है, जिसके चारों तरफ मौजूद करोड़ों शिवलिंग, शिव के प्रति उनके भक्तों की भक्ति की अनूठी कहानी सुनाते हैं।
ऐसे हुई थी इसकी स्थापना
मान्यताओं की मानें तो जब भगवान इंद्र को गौतम नाम के एक ज्ञानी ने श्राप दिया था तो उन्होंने इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए कोटिलिंगेश्वर मंदिर में शिवलिंग को स्थापित किया था। श्राप से मुक्ति पाने के लिए इंद्र ने 10 लाख नदियों के पानी से शिवलिंग का अभिषेक किया था और तब से लेकर आज तक ये शिवलिंग यही पर विराजमान है।
दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग
कर्नाटक के कोलार जिले के एक छोटे से गांव काम्मासांदरा में बसा है कोटिलिंगेश्वर धाम। मंदिर के शिवलिंग की ऊंचाई 108 फीट है। मंदिर के चारों ओर करीब 1 करोड़ छोटे-छोटे शिवलिंग भी स्थापित किए गए हैं। शिवलिंग के पास 35 फीट ऊंचाई वाले नंदी, 4 फीट ऊंचे और 40 फुट चौड़े चबूतरे पर स्थापित है।
भक्त भी स्थापित करते हैं शिवलिंग
यहां पर आए दिन शिवलिंग की संख्या बढ़ती है। दरअसल इस मंदिर में आने के बाद जिनकी मान्यताएं पूरी हो जाती है वो लोग यहां आकर शिवलिंग की स्थापना करते हैं और यही कारण है जो इस मंदिर में अब तक करीब 1 करोड़ से ज्यादा शिवलिंग स्थापित हो गए हैं।
नंदी की ऊंचाई भी है
इस मंदिर की खासियत यह है कि भगवान शिव के आगे नंदी की मूर्ति यहां के दृश्य को और विशालकाय बनाती है। नंदी की मूर्ति करीब 35 फीट है और वह 60 फीट लंबे, 40 फुट चौड़े और 4 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित है। इस विशाल शिवलिंग के चारों ओर देवी मां, श्री गणेश, श्री कुमारस्वामी और नंदी महाराज की प्रतिमाएं हैं।
महाशिवरात्रि में इस मंदिर में भीड़ दोगुनी हो जाती है। श्रद्धालुओं की संख्या 2 लाख तक पहुंच जाती है। दूर-दूर से लोग यहां उनके दर्शन के लिए आते हैं।
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