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श्रीनाथ इंडिया के स्टार गेंदबाज कल भी थे और आज भी हैं, उनके कई रिकॉर्ड आजतक कोई नहीं तोड़ पाया

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NEW DELHI : 

जैसे साउथ सिनेमा में हैरतंगेज कारनामे करने के लिए रजनीकांत को एक्सपर्ट माना जाता है, कुछ वैसे ही साउथ इंडियन क्रिकेटर श्रीनाथ ने अपने डेब्यू मैच में ऐसा कारनामा किया था, जिसने उन्हें एक ही बार में स्टार की उपाधि दिला दी। भारतीय क्रिकेट में उम्दा फास्ट बॉलर्स बहुत कम हुए हैं। कपिल देव के रिटायरमेंट के बाद काफी समय तक टीम एक अदद तेज गेंदबाज की कमी से जूझती रही। ऐसे दौर में देश में फास्ट बॉलिंग को दिशा दी कर्नाटक के जवागल श्रीनाथ ने।

श्रीनाथ का जन्म कर्नाटक के मैसूर शहर में हुआ था। उनका कर्नाटक के हसन जिले के जवागल गांव से गहरा नाता है। बचपन से ही आम बच्चों की तरह श्रीनाथ को क्रिकेट में रुचि थी। वैसे तो क्रिकेट में आने वाले खिलाड़ी अकसर स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई से मुंह मोड़कर खेल में नाम कमाते हैं, लेकिन श्रीनाथ इस मामले में सबसे अलग रहे। कॉलेज की पढ़ाई से मुंह मोड़कर खेल में नाम कमाते हैं, लेकिन श्रीनाथ इस मामले में सबसे अलग रहे। श्रीनाथ सुपरहिट क्रिकेटर होने के अलावा IT इंजीनियर भी हैं। उन्होंने मैसूर के श्री जयचमाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नलॉजी में डिग्री हासिल की। 

श्रीनाथ की जिंदगी में प्यार दो बार आया। 1999 में उन्होंने ज्योत्सना नाम की लड़की से शादी की थी। लेकिन दुर्भाग्य से यह रिश्ता ज्यादा नहीं टिका। दोनों ने आपसी सहमति के साथ तलाक ले लिया। 2008 में उन्होंने माधवी पत्रवाली नाम की पत्रकार से दूसरी शादी की। श्रीनाथ ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत बतौर बल्लेबाज की थी। लेकिन एक क्लब मैच के दौरान पूर्व बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ उनके बॉलिंग टैलेंट को पहचाना। 1989/90 के सीजन में उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले से करियर की शुरुआत की। पहले ही मुकाबले में उन्होंने हैट्रिक लेकर इतिहास रचा। डेब्यू मैच में हैट्रिक लगाने वाले वे भारत के तीसरे और कर्नाटक के पहले गेंदबाज थे। 

श्रीनाथ ने अपने वनडे करियर का आगाज 1991 में शारजाह में हुई विल्स ट्रॉफी से किया था। 18 अक्टूबर 1991 को पाकिस्तान के खिलाफ हुए उस वनडे में श्रीनाथ ने वसीम अकरम का प्राइज्ड विकेट लिया था। वह मुकाबला भारत 60 रन से जीता था। श्रीनाथ को देश के सबसे तेज गेंदबाजों में गिना जाता है। 1996 के साउथ अफ्रीका टूर पर उनकी एक बॉल 156 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गई थी। 1999 के वर्ल्ड कप में उन्होंने 93 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डालने का कारनामा भी किया। 

आईसीसी वर्ल्ड में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड अब भी श्रीनाथ के नाम है। उन्होंने 1992, 1996, 1999 और 2003 के वर्ल्ड कप मुकाबलों में 44 विकेट झटके। जवागल श्रीनाथ ने 1991 से 2003 तक भारतीय वनडे टीम को अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान खेले 229 मैचों की 227 पारियों में उन्होंने 28.08 के औसत से 315 विकेट चटकाए। वनडे में भारत के लिए 300 प्लस विकेट लेने वाले वे एकमात्र तेज गेंदबाज हैं। उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ लेग स्पिनर अनिल कुंबले (334) ने झटके थे। अजित अगरकर और जहीर खान ने चुनौती तो पेश की, लेकिन श्रीनाथ के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं सके।

श्रीनाथ ने भारत के लिए कुल 67 टेस्ट मैच खेले है जिनमें उन्होंने 236 विकेट लिए है वहीं वनडे मैच की बात करें तो उन्होंने 229 वनडे मैच खेले है जिनमें 315 विकेट लिए है। अपने आखिरी दिनों में श्रीनाथ आने वाले बॉलर को मोटीवेट करते भी नज़र आये जिनमें जहीर खान और आशीष नेहरा थे। वहीं बात अगर उनके विश्वकप मैचों की करें तो श्रीनाथ भारत के एकमात्र ऐसे फास्ट बॉलर रहे है जिन्होंने चार विश्व कप खेले है, जिनमें 1992, 1996, 1999, और 2003 का विश्वकप शामिल है।

लंबे समय तक भारतीय पेश अटैक के अगुआ रहे जवागल श्रीनाथ ने साल 2002 में क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था। लेकिन कप्तान सौरव गांगुली चाहते थे कि श्रीनाथ 2003 का विश्वकप खेले इसलिए सौरव श्रीनाथ को मनाकर सिर्फ विश्वकप खेलने के लिए वापस लेकर आये। श्रीनाथ ने भी इस पूरे टूर्नामेंट में जोरदार गेंदबाजी कर साबित कर दिया कि क्यों कप्तान गांगुली को उन पर इतना भरोसा था। 2003 का विश्वकप श्रीनाथ के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आखिरी टूर्नामेंट था इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से सन्यास ले लिया।

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