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New Delhi: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं हुईं। दोषी ठहराए गए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रोहतक जेल में रखा गया है।
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इस बीच पंचकूला में हुए हिंसा को लेकर खुलासा हुआ है कि जो हिंसा फैली उसके पीछे राम रहीम के केवल अनुयायी भर नहीं थे बल्कि इनमें भाड़े पर लाए गए लोग भी शामिल थे। इन लोगों को डेरा अधिकारियों ने हर दिन 1000 रुपए और मुफ्त में भोजन पर लोगों को पंचकूला में जुटाया गया था। बताया जा रहा है कि डेरा अधिकारियों की ये कवायद फैसले से पहले प्रशासन पर दबाव डालने के लिए थी।
अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में इस तरह का दावा किया गया है। सिरसा के एक व्यापारी के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि जब हमारी नौकरानी गुरुवार को नहीं आई, तो हमने मोबाइल पर उससे संपर्क किया उसने कहा कि वह डेरा के अनुयायियों के साथ पंचकूला जा रही है और वो पंचकूला के रास्ते में है। तो हमें पता चला (बातचीत के दौरान) कि डेरा ने उन्हें भाड़े पर रखा है।
हिसार जिले के अपने गांव में एक सरकारी डॉक्टर ने बताया कि कुछ इलाकों में घोषणा की गई थी कि जो भी डेरा के अनुयायियों के साथ आएगा, उसे 1000 रुपए रोज भुगतान दिया जाएगा। यहां पहुंचने के बाद उन्हें अच्छा भोजन दिया जाएगा। डॉक्टर ने दावा किया कि उनके गांव की 100 से ज्यादा महिलाएं डेरा के अनुयायियों के साथ थीं। द ट्रिब्यून के सवाल पर डेरा के एक प्रवक्ता ने इन बातों से इन्कार करते हुए कहा कि लोग अपनी इच्छा और अपने साधनों के जरिये आए थे।
आपको बता दें कि शुक्रवार को हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप का दोषी करार दिया था। फैसले के बाद पंचकूला में हिंसक भीड़ ने वाहनों और सरकारी इमारतों में जमकर आगजनी की थी। कई प्राइवेट वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया था और इस हिंसा में 37 लोगों की मौत हुई। राम रहीम पर डेरा की एक पूर्व साध्वी ने रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में 28 अगस्त सोमवार को सजा का ऐलान होना है।
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