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New Delhi: भारत में एक बहुत बड़ा तबका है, जो अंग्रेजी को समझता है लेकिन इसके बावजूद अपनी मातृभाषा में बोलना पसंद करता है और साथ ही स्थानीय भाषाओं में कंटेंट हासिल करना चाहता है लेकिन कई मामलों में उसके हाथ बंधे होते हैं।
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ऐसे सभी लोगों को 'स्वलेख' एप इन तमाम मुश्किलों से निजात दिलाएगा। डिजिटल इंडिया योजना के बाद से स्थानीय भाषाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग स्थानीय भाषाओं में क्षेत्रीय कंटेंट का फायदा उठा सकें।लोकलाईजेशन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से मोबाइल फोन तो ऑनलाइन जुड़ ही पाएंगे और साथ में, विभिन्न एप्स का इस्तेमाल करके अपनी स्वयं की भाषा में ऑनलाइन खरीद-फरोख्त कर पाएंगे।
स्थानीय कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात करें तो यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) जैसे भीम एप को बढ़ावा दिया जा रहा है। बता दें कि पिछले साल टियर 2 शहरों में भी ई-कॉमर्स सेक्टर में विकास देखा गया है। स्वलेख एप के जरिए स्थानीय भाषाओं का अनुभव मोबाइल पर भी लिया जा सकता है दूसरी तरफ स्थानीय स्क्रिप्ट या फोनेटिक रूप में भी टाइप करने की सुविधा मिल पाती हैं ।
इसकी कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं। पहला, इंडिक फोनबुक के माध्यम से भारतीय भाषाओं में कॉटेक्टस सेव कर सकते हैं। दूसरा, स्क्रीन लॉक जैसी सुविधा से उपभोक्ता अपनी पसंद की भाषा में डिवाइस को अनलॉक भी कर सकता है।इसके अलावा स्मार्टफोन के लिए रेवरी ने ओपन टाइप स्केलेबल फोंट की सुविधा भी दी है। स्वलेख भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में अलग-अलग स्क्रीन रिजॉल्यूशन के फीचर फोन के लिए निश्चित आकार के फोंट भी देता है।
स्वलेख के यूजर्स अंग्रेजी स्क्रिप्ट में फोनेटिक रूप से टाइप कर सकते है और मूल भाषा में समझ सकते है। इस सुविधा के लिए इंटरनेट होने की आवश्यकता नहीं है, यह ऑफलाइन भी काम करता है। इस एप को भारतीय भाषाओं के सिद्धांतों पर बनाया गया है, इसलिए किसी भी प्रकार की शाब्दिक गलती से बचाता है ताकि कोई जंक फाइल ना बनें।
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