NEW DELHI:
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी से यौन शोषण का दोषी करार दिया गया है। कोर्ट अब 28 अगस्त को उनकी सजा पर सुनवाई करेगा। फैसला सुनते ही राम रहीम कोर्ट में अपने होश खो बैठे। राम रहीम कोर्ट से सीधा जेल जा रहे हैं, उन्हें कस्टडी में लिया गया है।
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राम रहीम को दोषी करार दिए जाने की खबर से देशभर में फैले राम रहीम के लाखों समर्थकों में दुख की लहर फैल गई है। खासकर हरियाणा और पंजाब में तो समर्थकों की भीड़ ने सरकार के हाथ-पैर फुला दिए हैं। कोर्ट इस मामले में राम रहीम को 7 साल की सजा सुना सकती है। नियमों के मुताबिक अगर किसी अभियुक्त को पांच साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे ऊपरी कोर्ट से जमानत लेनी होती है। यानी बाबा राम रहीम को अब हाईकोर्ट से जमानत लेनी होगी। जब तक जमानत नहीं मिलती तब तक उन्हें जेल में ही रहना होगा।
सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ ये मामला तब चर्चा में आया था जब अप्रैल 2002 में एक साध्वी ने चिट्ठी लिखकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यौन शौषण की शिकायत भेजी। हाईकोर्ट ने इस चिट्ठी के तथ्यों की जांच के लिए सिरसा के सेशन जज को भेजा और इसके बाज इसी साल दिसंबर में सीबीआई ने राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
शिकायतकर्ता साध्वी को तलाशने में ही जांच एजेंसियों को चार साल लग गए। साध्वी के बयान लेने के बाद बाबा राम रहीम के खिलाफ जुलाई 2007 में सीबीआई ने अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल की जहां से ये केस बाद में पंचकूला शिफ्ट हो गया। केस की सुनवाई के दौरान 52 गवाह पेश किए गए, इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे। जून में डेरा प्रमुख के विदेश जाने पर कोर्ट ने रोक लगा दी और जुलाई में इस मामले की रोज सुनवाई के निर्देश दिए। इसका असर ये हुआ कि इसी महीने 17 अगस्त को इस मामले में बहस पूरी हुई और 25 अगस्त के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया गया। आज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
इससे पहले आज सुबह तकरीबन साढ़े 8 बजे बाबा गुरमीत राम रहीम अपने साथ सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ सिरसा के अपने डेरे से पंचकूला कोर्ट के लिए निकले। उनके इस काफिले की सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। हेलिकॉप्टर और ड्रोन कैमरे से काफिले पर नजर रखी जा रही थी। काफिले के साथ जैमर लगी गाड़ियां भी चल रही थीं।
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