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New Delhi : ये घटना अगर भारत में हुई होती तो अब तक शायद सियासी उथल-पुथल के साथ साथ ह्यूमन राइट्स और अन्य सामाजिक संस्थाओं के लिए ये मुद्दा गंभीर चर्चा का विषय बन गया होता।
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ये घटना अरब देशों में से एक ‘यमन’ की है जो अपने कट्टर कानून के लिए मश्हूर देशों में से एक है। इस घटना में एक 3 साल की बच्ची के साथ रेप और फिर हत्या करने के आरोपी को बीच सड़क पर हजारों लोगों के सामने पुलिस ने गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया।
ये वाकया किसी एनकाउंटर का हिस्सा नहीं बल्कि क़ानूनी रूप से आरोपी के लिए ये सजा सुनाई गयी थी जिससे बाकी लोगों के लिए मिसाल बन सके की इस तरह के जघन्य अपराध की सजा कितनी भयानक होती है। आरोपी मौलवी का नाम मुहम्मद अल मग़रबी था और इसकी उम्र 41 वर्ष की।
इसपर 3 साल की मासूम बच्ची जिसका नाम राणा याह्या अल-मतारी बताया गया है, के साथ रेप करने के बाद जान से मारने का आरोप लगा। इस शख्स के ऊपर आरोप सिद्ध होने पर यमन की राजधानी ‘सना’ की कोर्ट ने इस आरोपी को राजधानी के बीचोबीच सड़क पर हजारों लोगों की भीड़ के सामने गोली मारने का आदेश दिया साथ ही इस सजा का सीधा प्रसारण देश के हर टेलीविज़न चैनल पर लाइव दिखाया गया।
बहुत से लोगों ने इस घटना को अपने मोबाइल फ़ोन्स में भी रिकॉर्ड किया। लाइव प्रसारण के पीछे वजह के ऊपर कोर्ट का बयान था की लोगों को मालूम होना चाहिए की इस देश में इस तरह के अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी और लोग जो इस तरह के काम करते है उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है।
इस आरोपी को जब सजा देने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा घटना स्थल पर लाया गया तो तो उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे। पुलिस की गाडी से उतरने के बाद आरोपी को जमीन पर लेटा दिया गया और फिर पॉइंट ब्लैक की रेंज में इसे गोली मार दी गयी।
यमन में लागू शरिया कानून के मुताबिक मर्डर के जुर्म में सिर्फ सजाये मौत है, आरोपी के परिवार की अर्जी थी की सजा इतनी कठोर न दी जाए पर कोर्ट ने साफ़ मना करते हुए इस फैसले को जारी किया।
आरोपी ने खुद कोर्ट में कबूल किया था की ईद उल फितर के पहले दिन उसने इस घटना को अंजाम दिया गया और हज़ारों लोगों ने कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए स
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