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New Delhi: चीन ने भारत जाने वाले अपने नागरिकों को दो महीने के भीतर दूसरी बार सुरक्षा परामर्श जारी किया है। इसमें रेल दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं और लगातार सामने आ रहे संक्रामक बीमारियों के मामलों का जिक्र किया गया है।
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भारत में मौजूद चीनी दूतावास की ओर से जारी यह अधिसूचना उस समय आई है जब डोकलाम विवाद पर यहां की मीडिया द्वारा भारत के खिलाफ तेज अभियान चलाया जा रहा है। राज्य द्वारा संचालित पीपुल्स डेली ऑनलाइन की खबर के मुताबिक इस सलाह में चीनी नागरिकों से उनकी निजी सुरक्षा और स्थानीय सुरक्षा स्थितियों का ध्यान रखने को कहा गया है और देश के भीतर अनावश्यक यात्रा करने से बचने को कहा गया है।
यात्रियों को अपने साथ पहचान की निजी सूचनाएं लेकर चलने, धार्मिक प्रथाओं का पालन करने और अपने परिवार, दोस्तों एवं सहकर्मियों को अपनी यात्रा के बारे में जानकारी देते रहने को कहा है। इस सलाह में भारत में “सप्ताहंत में ट्रेन के पटरी से उतर जाने की घटना, प्राकृतिक आपदाओं और संक्रामक बीमारियों के मामलों के निरंतर सामने आ रहे मामलों” का जिक्र किया गया है। यह चेतावनी साल के अंत तक वैध रहेगी। चीन द्वारा पहला सुरक्षा परामर्श सात जुलाई को जारी किया गया था और वह एक महीने के लिए वैध था। भारत और चीन के बीच पिछले दो महीने से सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम पर विवाद चल रहा है। यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब भारतीय सेना ने चीनी सेना को उस क्षेत्र में सड़क बनाने से रोका था।
चीन ने मंगलवार (22 अगस्त) को भारतीय सेना द्वारा सीमा पर विकसित किए जा रहे बुनियादी ढांचे को अपने के लिए खतरा बताते हुए कहा कि अगर उसके सैनिकों ने भारत में प्रवेश किया तो भारत में पूरी तरह से उथल-पुथल मच जाएगी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम सीमा पर चीनी सड़क निर्माण को भारत द्वारा अपने लिए खतरा बताना 'उसकी हास्यास्पद और शातिराना चाल है।' मंत्रालय ने कहा कि चीन किसी भी देश या व्यक्ति को अपने क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देगा।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "भारतीय पक्ष ने चीन के सड़क निर्माण की आड़ में सीमाएं तोड़ी हैं। चीनी सड़क निर्माण पर भारत का तर्क हास्यास्पद व शातिराना है और तथ्य बिलकुल साफ हैं।" उन्होंने कहा, "अगर हम भारत के हास्यास्पद तर्क को स्वीकार करते हैं, तो इसका मतलब है कि किसी को भी अगर उसके पड़ोसी के घर पर होने वाली गतिविधि नापसंद है, तो वह पड़ोसी के घर में घुस सकता है।" चुनयिंग के अनुसार, "क्या इसका मतलब यह है कि अगर चीन सोचता है कि भारत के सीमावर्ती इलाके में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण उसके लिए खतरा है तो क्या वह भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है? क्या यह पूरी तरह अफरा-तफरी वाला नहीं होगा?"
भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की इस टिप्पणी पर कि भारत कभी भी हमलावर नहीं रहा और उसकी सीमा बढ़ाने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, हुआ ने जवाब दिया, "चीन शांति से प्यार करता है और शांति को दृढ़ता से कायम रखता है। लेकिन, इसके साथ ही हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की भी रक्षा करेंगे। हम किसी देश या किसी व्यक्ति को चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देंगे।" उन्होंने कहा कि भारत को इस संघर्ष को सुलझाने के लिए डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमने कई बार कहा है कि इस समस्या को निपटाने का तरीका भारतीय पक्ष द्वारा अपने सैनिकों और उपकरणों की बगैर शर्त वापसी है। इसलिए हम भारतीय पक्ष से ठोस व अपनी गलतियों को सुझारने के लिए सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह करते हैं।"
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