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New Delhi : भारत में हुनर की कोई कमी नहीं है, यह बात जगजाहिर है। भारत में कई ऐसे लोग हैं, जो भारत का गौरव बन चुके हैं। ऐसा ही है 14 साल का छात्र हर्षवर्धन सिंह जाला। 14 साल के हर्ष ने देश के लिए बहुत बड़ा काम कर दिखाया है। यहाँ तक कि उसके इस कारनामे ने देश के बड़े बड़े वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। आपको जान कर हैरानी होगी, कि इस बच्चे की वजह से भारत के सैनिको की ताकत भी कई गुना बढ़ गई।
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अहमदाबाद में अपने परिवार के साथ रहने वाला हर्षवर्धन सिंह जाला एक दिन टीवी पर डिस्कवरी साइंस देख रहा था। उस प्रोग्राम में अमेरिकी सैनिक द्वारा बारूदी सुरंग खोज कर उसे नष्ट करने का कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें सुरंग निष्क्रिय करते वक्त विस्फोट हो गया और कई सैनिक गंभीर रूप से घायल भी हो गए। इसके बाद नन्हें हर्ष ने ऐसी डिवाइस बना बनाने की सोची जो बारूदी सुरंगो को नष्ट करके भारतीय सैनिकों की मदद कर सके।
हर्षवर्धन के परिजन बताते हैं कि बचपन से ही साइंस में हर्ष काफी होनहार था। ऐसे में उसके दिमाग में इस बात को लेकर कई तरह के विचार आने लगे। फिर हर्षवर्धन ने समय न गवाते हुए उसी समय इंटरनेट पर रिसर्च करना शुरू कर दिया। आपको जान कर हैरानी होगी, कि उसने एक ऐसा ड्रोन बनाया जो जमीन से 2 फीट ऊपर उड़कर रेडियो तरंगो को फैलाता है। ये तरंगे हवा में फैलकर किसी भी विस्फोटक का पता लगा सकती है। इसी ड्रोन के जरिये लेजर की मदद से बारूदी सुरंग को भी नष्ट कर सकता है।
हर्षवर्धन को इस काम को आगे बढ़ाने के लिये गुजरात सरकार ने भी खासा योगदान दिया है। गुजरात सरकार ने हर्ष को करीब 3 लाख रूपये दिए, जिसके जरिये हर्षवर्धन ने ड्रोन तैयार किया। इसके बाद इस ड्रोन को सेना ने भी आजमाया और फिर सेना ने इस ड्रोन को अप्रूव कर दिया। आपको जान कर बिलकुल आश्चर्य नहीं होगा, कि इस छात्र को गुजरात सरकार ने इसके कमर्शियल उत्पादन के लिए साइंस एंड टेक्नोलाॅजी विभाग की तरफ से 5 करोड़ का एमओयू साइन किया है, जिसके चलते हर्षवर्धन ने एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाई और इसके लिए स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने उसे लोन भी दिया।
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